Edited By Punjab Kesari, Updated: 26 May, 2017 04:27 PM
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में लोगों के लिए एक बड़ी खबर है। बता दें कि परिवहन विभाग ने ...
शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में लोगों के लिए एक बड़ी खबर है। बता दें कि परिवहन विभाग ने बताया कि सिस्टम ऑनलाइन होने से लोगों को वाहन खरीदने और बेचने में एक-दूसरे से NOC लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब लोग असानी से गाड़ी खरीद और बेच सकेंगे। यह व्यवस्था जल्द ही हिमाचल में लागू होने वाली है। सरकार इस सिस्टम को खत्म करने जा रही है। सरकार वाहन -4 आपरेटिव सिस्टम लागू करने जा रही है। वाहन निर्माता कंपनी गाड़ियां बनाने के साथ-साथ इनके चैसी और इंजन नंबर को सॉफ्टवेयर में अपलोड करेगी। परिवहन विभाग ऑनलाइन इन नंबर को देखकर ही गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन करेगा। दरअसल, अब बिना अपलोड हुए चैसी और इंजन नंबर की गाड़ियां हिमाचल में रजिस्टर्ड नहीं होंगी।
शहरों में भी लागू होगा ये सिस्टम
जानकारी के मुताबिक, अतिरिक्त परिवहन आयुक्त विनय सिंह ने कहा कि हिमाचल में अभी इस सिस्टम को शिमला शहरी और धर्मशाला में शुरू किया जा रहा है। इसके बाद इसे अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा। आरटीओ शिमला प्रशांत देष्टा ने बताया कि इस ऐप के लागू किए जाने से वाहन चोरी पर भी लगाम लगाई जा सकेगी। हिमाचल में अब जो भी वाहनों का पंजीकरण होगा। वह वाहन -4 आपरेटिव सिस्टम के तहत ही किया जाएगा। हिमाचल में अभी वाहन -1 आपरेटिव सिस्टम के तहत गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन की जा रही थी। बताया जा रहा है कि कंपनी गाड़ी तैयार कर उसका चैसी और इंजन नंबर सॉफ्टवेयर पर अपलोड करेगी। इसके बाद गाड़ी शो रूम आएगी। यहां व्यक्ति गाड़ी खरीदेगा। उसके बाद इस गाड़ी की रजिस्ट्रेशन विभाग के पास होगी। वाहन रजिस्ट्रेशन करने से पहले अफसर गाड़ी का चैसी और इंजन नंबर ऑनलाइन चैक करेगा। डिटेल सही पाई जाती है तो गाड़ी की रजिस्ट्रेशन होगी। अगर यह डिटेल कंपनी के साथ मेल नहीं खाती है तो विभाग गाड़ी की रजिस्ट्रेशन नहीं करेगा।