Edited By Punjab Kesari, Updated: 10 Mar, 2018 12:21 PM
कंदरौर पुल वक्त बीतने के साथ वाहनों की संख्या में हुई बेतहाशा वृद्धि के चलते तंग दिखने लगा है। इस पुल पर पैदल चलने वालों को अलग से फुटपाथ भी नहीं है। ऐसे में इस पुल से पैदल गुजरने वाले लोगों के लिए हर समय जान का जोखिम बना हुआ है।वहीं पुल की दीवार के...
बिलासपुर : कंदरौर पुल वक्त बीतने के साथ वाहनों की संख्या में हुई बेतहाशा वृद्धि के चलते तंग दिखने लगा है। इस पुल पर पैदल चलने वालों को अलग से फुटपाथ भी नहीं है। ऐसे में इस पुल से पैदल गुजरने वाले लोगों के लिए हर समय जान का जोखिम बना हुआ है।वहीं पुल की दीवार के साथ अंदर की ओर बी.एस.एन.एल. व आई.पी.एच. विभाग की मोटी पेयजल अपुर्ति पाइपें भी डाली गई हैं, जिन्होंने इस सड़क को और तंग कर दिया है। ऊपर से कई स्थानों पर तो ये पाइपें पुल की दीवार के साथ न सट कर किनारों से कुछ अंदर सड़क पर आ चुकी हैं, जिस कारण पहले से ही यह तंग पुल और तंग हो
गया है।
इस पुल पर कई हादसे हो चुके
शुक्रवार सुबह भी इस संकरे पुल पर सड़क के अंदर आ चुकी इन्हीं पाइपों के चलते शिमला की ओर जाने वाली एक निजी बस व ट्रक की आपस में टक्कर हो गई, जिससे दोनों वाहनों का अच्छा-खासा नुक्सान हो गया। हालांकि दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौता हो जाने के चलते मामला पुलिस के पास नहीं पहुंचा। स्थानीय लोगों बलवंत चंदेल, अशोक शर्मा, राकेश कटवाल, देवराज, रामकृष्ण भारद्वाज, चिरंजी लाल का कहना है कि इस पुल पर कई हादसे हो चुके हैं।
वाहनों के अापस में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके
लोगों का कहना है कि प्रशासन व संबंधित विभाग को चाहिए कि वे इस पुल के बाहर पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए अलग से छोटा पुल डालकर सतलुज पार करने की व्यवस्था करें, ताकि इस पुल पर पैदल यात्रियों के साथ वाहनों के टकराने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। इस विषय पर राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण के सहायक अभियंता धर्म चंद का कहना है कि यह समस्या अभी उनके ध्यान में आई है। विभागीय स्तर पर इस समस्या के समाधान हेतु सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे।