पार्टी में एंट्री के बाद भी संगठन के चुनाव नहीं लड़ पाएंगे बागी

Edited By Updated: 15 May, 2017 09:10 AM

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बागी नेता और पदाधिकारी कांग्रेस पार्टी में एंट्री के बाद भी संगठन के चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

शिमला: बागी नेता और पदाधिकारी कांग्रेस पार्टी में एंट्री के बाद भी संगठन के चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। संगठन के इस कड़े कदम से कई नेताओं और पदाधिकारियों को वापसी से पहले ही करारा झटका लग गया है। सूत्रों के अनुसार पार्टी से निष्कासित चल रहे नेता एवं पदाधिकारियों की संगठन में वापसी शर्तों के आधार पर ही होगी। इसके तहत वह एक साल तक संगठन के केवल सक्रिय सदस्य ही रहेंगे। ऐसे में न उनको एक साल तक संगठन में कोई पद मिलेगा न ही वह संगठन के इन चुनाव को लेकर मैदान में उतर पाएंगे। भविष्य में पार्टी विरोधी गतिविधियों के मामले सामने न आएं, उसको देखते हुए प्रदेश कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है। वर्तमान में हिमाचल कांग्रेस के करीब 33 नेता और पदाधिकारी संगठन से निलंबित चल रहे हैं। 


एक सप्ताह के भीतर बागियों की वापसी संगठन में
इनमें 4 पूर्व विधायक देहरा से योगराज, घुमारवीं से कश्मीर सिंह, आनी से ईश्वर दास और करसोग से मस्त राम शामिल हैं। पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके धर्मवीर धामी भी संगठन से बाहर चल रहे हैं। इसके साथ ही युवा नेता यदुपति भी निष्कासन की मार झेल रहे हैं। संबंधित नेताओं और पदाधिकारियों की संगठन में वापसी को लेकर अनुशासन समिति अपनी सिफारिश कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंप चुकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि एक सप्ताह के भीतर बागियों की वापसी संगठन में कर दी जाएगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी बागियों की घर वापसी की पैरवी कर चुके हैं। बीते दिन इस मसले पर मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष के बीच बैठक हो चुकी है। 


7270 बूथ से चुने जाएंगे 2-2 प्रतिनिधि
राज्य में पहले चरण के अंतर्गत कांग्रेस के 7270 बूथ पर संगठनात्मक चुनाव होंगे। इसके तहत हर बूथ से ब्लॉक कमेटी के लिए 2-2 प्रतिनिधि चुने जाएंगे। इसके बाद प्रत्येक ब्लॉक से 6-6 सदस्य जिला कमेटी के लिए चुने जाएंगे और जिला से एक-एक सदस्य पी.सी.सी. के लिए चुने जाएंगे। कांग्रेस के 72 ब्लॉक, 17 संगठनात्मक जिला और पी.सी.सी. के लिए चुनाव होना है। चुनावी शैड्यूल के अनुसार 15 मई को सदस्यता अभियान समाप्त हो जाएगा। चुनावी प्रक्रिया को पूरी करने के लिए केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने डा. बी.डी. कल्ला को चुनाव प्रभारी और अमित शर्मा को ए.पी.आर.ओ. नियुक्त किया गया जो इन दिनों शिमला में सेवाएं दे रहे हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संपर्क करने पर बताया कि संगठन के वापसी होने के बाद भी ऐसे नेता व पदाधिकारी संगठनात्मक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उन्होंने बताया कि कई पार्टी द्वारा निष्कासन वापस लिए जाने के बाद संबंधित पदाधिकारी एक साल तक संगठन के सक्रिय सदस्य ही बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही बागियों की वापसी संगठन में कर दी जाएगी।


अब नहीं चलेगा संगठन में ये खेल
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दो टूक कहा कि टिकट न मिलने पर पार्टी गतिविधियों को बढ़ावा देने या पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ ही चुनावी मैदान में उतरने का खेल अब संगठन में नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि पहले ऐसे नेता लोकसभा या विधानसभा चुनाव की आड़ में अपनी वापसी संगठन में करवा लेते थे लेकिन इस बार बीते साढ़े 4 साल से ऐसे लोगों को संगठन से बाहर रखा गया है ताकि भविष्य में ऐसा कदम उठाने वाले 10 बार सोचें। उन्होंने कहा कि पहले जो विधानसभा चुनाव में बागी हो जाता था, उसकी वापसी लोकसभा चुनाव में हो जाती थी और जो लोकसभा चुनाव में बागी हो जाते थे, वे विधानसभा चुनाव में वापसी कर लेते थे।


आज मैंबरशिप का अंतिम दिन
कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव को लेकर चला सदस्यता अभियान सोमवार को समाप्त हो जाएगा। पार्टी का यह अभियान वर्ष 2015 से चला हुआ है। इसके तहत पार्टी अब तक साढ़े 4 लाख से अधिक फॉर्म जारी कर चुकी है।

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