यहां कभी भी हादसे का कारण बन सकती है ओवरलोडिंग

Edited By Punjab Kesari, Updated: 12 Aug, 2017 12:32 AM

overloading can be the cause of the accident here

हादसों के बाद भी सबक नहीं। यूं ही जारी है खतरे भरा सफर।

कुल्लू: हादसों के बाद भी सबक नहीं। यूं ही जारी है खतरे भरा सफर। कुल्लू के पहाड़ी क्षेत्रों की सड़कें अनेक सड़क हादसों का कारण बन चुकी हैं फिर भी दुर्गम क्षेत्रों की सड़कों पर वाहन चालक ओवरलोड वाहनों को दौड़ाने से नहीं चूक रहे हैं। ठूंस-ठूंस कर सवारियां भरने का सिलसिला छोटे वाहनों तक सीमित न होकर सरकारी बसों में भी आम देखा जा रहा है। कुल्लू के अनेक ऐसे दुर्गम गांव हैं जहां दिन में 1 या 2 बसें रूट पर चलाई गई हैं, ऐसे में इन बसों में क्षमता से अधिक सवारियों को नियमों को ताक पर रखकर लाया व ले जाया जा रहा है। 

ओवरलोडिंग के कारण हो चुके हैं कई हादसे
पिछले कुछ वर्षों में कुल्लू में अनेक बस हादसे मात्र ओवरलोडिंग के कारण हो चुके हैं लेकिन इन हादसों से भी कोई सबक नहीं ले रहा है। छोटी सी लापरवाही दर्जनों लोगों की जिंदगी को सदा के लिए खत्म कर सकती है फिर भी बसों का संचालन करने वाले चालक-परिचालक इस बात से अंजान बने बैठे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा शुक्रवार को भुंतर से दियार जाने वाली सरकारी बस में नजर आया। बस में जरूरत से ज्यादा सवारियों को भरा गया था। कहां है सरकार व प्रशासन। कौन रोकेगा इन्हें?

क्या कहते हैं छात्र
मणिकर्ण के स्कूली छात्र गगन, मुनीष, आशीष, पुनीत, देविका, कंचन, रश्मि, गीता व ममता आदि का कहना है कि उनके घरों तक जाने के लिए निगम की मात्र एक बस का सहारा है। ऐसे में उन्हें या तो स्कूल के लिए देरी हो जाती है या फिर घर पहुंचने में। मजबूरन उन्हें पहले से भरी बसों में ही सफर करने को मजबूर होना पड़ता है। भले ही सरकार ने स्कूली छात्रों के लिए निगम की बसों में नि:शुल्क बस सेवा उपलब्ध करवाई है मगर इसका भी छात्रों को कुछ अधिक लाभ नहीं मिल पा रहा है।

इन रूटों पर होती है बसों में ओवरलोडिंग
कुल्लू के दुर्गम क्षेत्र लगघाटी व मणिकर्ण घाटी के कई दुर्गम गांवों, खराहल घाटी व सैंज के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बसों की अत्यधिक कमी होने के कारण मात्र एक ही बस चलती है, वहीं बंजार के ऊपरी क्षेत्रों में भी ओवरलोड बसों को चलाया जा रहा है।

हादसा होने के बाद ही बरती जाती है सख्ती
लोगों का कहना है कि बसों में ओवरलोडिंग आम बात बन गई है। जब कोई बड़ा हादसा होता है तो कुछ समय के लिए बसों में ओवलोडिंग पर रोक लगा दी जाती है तथा साथ ही कई और नियम तथा कानून सख्त कर दिए जाते हैं परंतु कुछ माह में फिर से सब सामान्य होकर लापरवाही का सिलसिला शुरू हो जाता है।

क्या कहते हैं आर.एम. कुल्लू 
आर.एम. कुल्लू योग राज ने बताया कि परिवहन निगम द्वारा समय-समय पर बसों की चैकिंग की जाती है। सभी चालकों-परिचालकों को ओवरलोडिंग न करने बारे कहा गया है अगर कोई लापरवाही करेगा तो उसे नियमों के अनुसार बख्शा नहीं जाएगा।

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