Edited By Updated: 30 Mar, 2017 10:10 AM
न्यायालय के फैसले न मानने पर न्यायालय ने डी.सी. कांगड़ा, वन विभाग के अरण्यपाल व डी.एफ.ओ. की गाड़ियों को जब्त कर धनराशि उपलब्ध करवाने के आदेश जारी किए हैं।
धर्मशाला: न्यायालय के फैसले न मानने पर न्यायालय ने डी.सी. कांगड़ा, वन विभाग के अरण्यपाल व डी.एफ.ओ. की गाड़ियों को जब्त कर धनराशि उपलब्ध करवाने के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश न्यायालय ने एक माह पूर्व दिया था औरबुधवार को हुई कोर्ट में सुनवाई पर संबंधित विभाग ने 2 दिन की मोहलत मांग ली है। जानकारी के अनुसार नूरपुर के गेही लंगोड़ निवासी एवं खैरियां में लंबरदारी में कार्यरत रहे। लंबरदार राय सिंह की मानें तो उन्होंने वर्ष 1999 में जंगल की सुरक्षा पर मिलने वाले एक चौथाई हिस्से को जारी न करने पर न्यायालय में याचिका दायर करके उसे एक चौथाई हिस्सा दिलाने की मांग की थी।
7 साल बाद भी पीड़ित को नहीं मिली धनराशि
इस पर वर्ष 2002 में न्यायालय ने उसके हक में फैसला सुनाया था लेकिन करीब 15 दिन बाद ही संबंधित विभाग अपील में चला गया और उसके बाद वर्ष 2010 में पुन: लंबरदार के हक में फैसला हो गया। बावजूद इसके जब 7 साल बाद भी धनराशि न दी गई तो पीड़ित ने न्यायालय से धनराशि मुहैया करवाने के लिए गुहार लगाई। इसी बीच न्यायालय ने एक माह पूर्व ही इस मामले में डी.सी. कांगड़ा, अरण्यपाल व डी.एफ.ओ. की गाडिय़ों को जब्त करने के साथ उन्हें नीलाम कर धनराशि मुहैया करवाने का आदेश दिया।