जासूसी व शिमला पीलिया मामले की खुली जांच, पूर्व DGP से जुड़ा है कनैक्शन

Edited By Punjab Kesari, Updated: 18 Feb, 2018 11:23 PM

open investigation of the detective and shimla jaundice case

पूर्व डी.जी.पी. आई.डी. भंडारी से जुड़े जासूसी व शिमला पीलिया मामले की विभागीय जांच खुल गई है।

शिमला: पूर्व डी.जी.पी. आई.डी. भंडारी से जुड़े जासूसी व शिमला पीलिया मामले की विभागीय जांच खुल गई है। फोन टैपिंग मामले में पूर्व डी.जी.पी. सैशन कोर्ट से बरी हो चुके हैं लेकिन राजनीतिक विरोधियों की जासूसी करने संबंधी मामले की पूर्व सरकार के समय शुरू की गई जांच सिरे नहीं चढ़ पाई है। इसी तरह शिमला में पीलिया को लेकर पुलिस में दर्ज मामला किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाया। सूत्रों के अनुसार दोनों मामलों की वर्तमान सरकार विभागीय जांच करवाने जा रही है। 

वीरभद्र सिंह की चंड़ीगढ़ में जासूसी के लगे थे आरोप
पूर्व डी.जी.पी. पर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की चंडीगढ़ में जासूसी किए जाने संबंधी आरोप लगे थे। कांग्रेस की तरफ से भाजपा की प्रो. प्रेम कुमार धूमल सरकार के समय सौंपी गई चार्जशीट में फोन टैपिंग व जासूसी के आरोप लगाए गए थे। कांग्रेस चार्जशीट में आरोप लगाया गया था कि उस समय राजनीतिक विरोधियों के फोन टैप किए गए , जिसके लिए आधुनिक यंत्र भी खरीदे गए। इसकी कांग्रेस सरकार के समय विजीलैंस जांच भी करवाई गई। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही पहली रात पुलिस के सी.आई.डी. मुख्यालय में रेड की थी। उस समय आई.डी. भंडारी सी.आई.डी. के मुखिया थे। 

पूर्व डी.जी.पी. के आग्रह पर शुरू हुई जांच
जानकारी के अनुसार प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद पूर्व डी.जी.पी. आई.डी. भंडारी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात करके जासूसी मामले को निष्कर्ष तक पहुंचाने का आग्रह किया है। सूत्रों के अनुसार इसके बाद मामले की विभागीय जांच शुरू करने का निर्णय लिया गया है। पूर्व डी.जी.पी. से जुड़े मामले के अलावा शिमला में पीलिया के कहर से हुई करीब 15 लोगों की मौत एवं हजारों लोगों को पीलिया होने की भी विभागीय जांच शुरू की गई थी। इस मामले को लेकर नगर निगम शिमला की सत्ता पर काबिज रहते हुए माकपा नेताओं की तरफ से छोटा शिमला थाने में शिकायत दर्ज की गई थी। इस शिकायत के बाद आई.पी.एच. के अधिकारी व सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट चलाने वाले आरोपी ठेकेदार को हिरासत में लिया गया था। यह मामला अब तक किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाया, जिसकी जनता को प्रतीक्षा है। लिहाजा वर्तमान सरकार की तरफ से इस मामले की विभागीय जांच शुरू करने का निर्णय लिया गया है। 

आई.डी. भंडारी बोले-मैं मुख्यमंत्री से मिला हूं 
पूर्व डी.जी.पी. आई.डी. भंडारी का कहना है कि उन्होंने जासूसी मामले के आरोप संबंधी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से जांच करवाए जाने की मांग की है। मैं उनसे मिला भी हूं, ताकि झूठे आरोपों से पर्दा उठ सके। जहां तक फोन टैपिंग मामले की बात है, तो सेशन कोर्ट से आरोप मुक्त कर दिया गया है। पूर्व सरकार ने जासूसी मामले को 5 साल तक बेवजह लटकाए रखा।

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