Edited By Punjab Kesari, Updated: 25 Nov, 2017 01:53 PM
प्रदेश सरकार ने अब निजी स्कूलों की देखादेखी में सरकारी स्कूलों में अगले साल से नर्सरी की कक्षाएं शुरू करने का मन बना लिया है। पहली बार हर ब्लॉक के दो और जिला मुख्यालय के एक स्कूल में इस नई प्रणाली को लागू किया जाएगा। पहली बार यह शुरूआत प्रदेश के 25...
शिमला: प्रदेश सरकार ने अब निजी स्कूलों की देखादेखी में सरकारी स्कूलों में अगले साल से नर्सरी की कक्षाएं शुरू करने का मन बना लिया है। पहली बार हर ब्लॉक के दो और जिला मुख्यालय के एक स्कूल में इस नई प्रणाली को लागू किया जाएगा। पहली बार यह शुरूआत प्रदेश के 25 फीसदी स्कूलों में की जा रही है। इसके चलते प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने 260 स्कूलों का चयन कर मंजूरी प्रस्ताव प्रदेश सरकार को सेंड कर दिया है। प्रदेश में आचार संहिता के खत्म होते ही इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
गुणात्मक शिक्षा की ओर पग
शिक्षा विभाग ने स्कूलों में बच्चों की घटकी संख्या को लेकर यह प्लान तैयार किया है ताकि सरकारी स्कूलों की ओर लोग आकर्षित हो सकें। निजी स्कूलों मेें अभिभावक अपने बच्चों को एडमिशन दिलवा रहे हैं। इसको ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार भी बच्चों को गुणात्मक शिक्षा दिलाने की ओर अग्रसर है इसलिए विभाग ऐसे पग उठा रहा है।
स्कूलों में बढ़ेगी बच्चों की संख्या
सरकारी स्कूलों में नर्सरी की कक्षाएं शुरू होने से प्रदेश के स्कूलों में बच्चों की घटती तादात पर भी अंकुश लगेगा वहीं बच्चों को कम खर्च पर गुणात्मक शिक्षा की मुहैया होगी। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अगस्त में राज्य सलाहकार परिषद की बैठक में ऐसी कक्षाएं शुरू करने की घोषणा की थी।प्रारंभिक शिक्षा निदेशक मनमोहन शर्मा ने पंजाब केसरी को बताया कि प्रदेश के स्कूलों में यह नया प्रयोग होगा। अगर इसमें हमें सफलता मिलती है तो इसे अन्य स्कूलों में भी सुचारू कर दिया जाएगा।
अभिभावकों को मिलेगी राहत
सरकारी स्कूलों में नर्सरी की क्लासें लगने से युवाओं को रोजगार मिलेगा। मंजूरी के बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा। अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए निजी स्कूलों के प्रबंधन को हर साल तीस से चालीस हजार बतौर फीस और फंड के लिए देने पड़ते हैं। इससे अभिभावकों को राहत मिलेगी।