बिलासपुर के इन 2 स्कूलों के टॉपर्ज के लिए NRI की बड़ी घोषणा, मिलेगा 1 लाख ईनाम

Edited By Punjab Kesari, Updated: 15 Dec, 2017 01:16 AM

nri  s big announcement for toppers of these 2 schools of bilaspur

बिलासपुर जिला की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दसलेहड़ा व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला तलाई में अध्ययनरत जो भी विद्यार्थी हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की धर्मशाला की....

बिलासपुर: बिलासपुर जिला की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दसलेहड़ा व राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला तलाई में अध्ययनरत जो भी विद्यार्थी हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की धर्मशाला की 10 जमा 2 की बोर्ड परीक्षाओं में टॉप-टेन की सूची में शामिल होगा उसे 1 लाख रुपए राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाएगी। वहीं, हमीरपुर के बी.बी.एन. डिग्री कालेज चकमोह के जो भी विद्यार्थी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला द्वारा करवाई जाने वाली परीक्षाओं में टाप-10 में शामिल होगा उसे भी पुरस्कार स्वरूप 1 लाख रुपए की राशि मिलेगी। इतना ही नहीं इन मेधावी विद्यार्थियों की इस सफलता में सबसे अधिक योगदान देने वाले शिक्षक को भी 25 हजार की नकद राशि प्रदान कर पुरस्कृत किया जाएगा। यदि 2 या 2 से अधिक विद्यार्थी एक ही समय में यह उपलब्धि हासिल करते हैं तो यह ईनामी राशि उन सभी मेधावी विद्यार्थियों के बीच बराबर-बराबर बांट दी जाएगी। उन्हें यह राशि अमरीका में रह रहे विलेज ऑफ ड्रीम्ज के संस्थापक जगदीश चंद द्वारा प्रदान की जाएगी।

अमरीका में ओरेकल काप्र्रोरेशन में उपाध्यक्ष हैं जगदीश
बता दें कि जगदीश चंद ने गत वर्ष भी दसलेहड़ा व तलाई स्कूल के विद्यार्थियों को यह ईनाम देने की घोषणा की थी व बोर्ड परीक्षा में प्रथम 20 स्थानों में अपनी जगह बनाने वाली 2 छात्राओं व उनके शिक्षकों को नकद ईनाम से पुरस्कृत भी किया था। इस बार इस योजना में चकमोह कालेज को भी शामिल किया गया है। विलेज ऑफ ड्रीम्ज के संस्थापक जगदीश चंद स्वयं भी इन तीनों शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी रह चुके हैं। वर्तमान में वह अमरीका में ओरेकल काप्र्राेरेशन में उपाध्यक्ष के पद पर सुशोभित हैं। इससे पूर्व जगदीश चंद ने अपनी एक कंपनी की स्थापना भी की जिसे बाद में उन्होंने गूगल को बेच दिया था।

तांबड़ी गांव के रहने वाले हैं जगदीश
वर्ष 1973 में बिलासपुर की दसलेहड़ा पंचायत के गांव तांबड़ी में पैदा हुए जगदीश चंद ने अपनी 8वीं कक्षा तक की पढ़ाई दसलेहड़ा स्कूल में व फिर 12वीं तक की पढ़ाई तलाई स्कूल से की। उसके बाद चकमोह कालेज पढऩे गए व वहीं से उनका चयन एन.आई.टी. हमीरपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए हो गया। उद्यमी दिमाग के मालिक जगदीश चंद ने बताया कि अपने विद्यार्थी जीवन में गांव में रहते हुए स्कूल जाने व फिर स्कूल से घर लौटने के बाद कृषि संबंधी कार्यों में जुट जाना उनकी दिनचर्या में शामिल था लेकिन उनके महान शिक्षकों ने उन्हें सिखाया कि सफल होने के लिए अमीर होना आवश्यक नहीं है।

आर्थिक अभाव के बावजूद भी बी. टैक. में हासिल किया था गोल्ड मैडल
शिक्षकों से मिली प्रेरणा के चलते उन्होंने भी बड़े स्वप्न देखने शुरू किए। इन सपनों को साकार रूप देने की ऊर्जा शिक्षकों से मिली। जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए लेकिन वे डगमगाए नहीं व एन.आई.टी. हमीरपुर से बी.टैक. में स्वर्ण पदक हासिल कर के ही दम लिया। जगदीश चंद के अनुसार जब भी वे अपने जीवन में झांकते हैं तो पाते हैं कि वह आज जो भी हैं अपने बड़े सपनों के कारण हैं। इस कारण वह चाहते हैं कि इन शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी भी सपने बुनें, इन सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करें व जीवन में उनसे भी बड़ा मुकाम हासिल करें।

भविष्य में अन्य स्कूलों में भी शुरू होगी यह ईनामी योजना
उन्होंने बताया इस ईनामी योजना के अतिरिक्त दी विलेज ऑफ ड्रीम्ज बच्चों को प्रेरित करने के लिए अन्य गतिविधियों जैसे अंग्रेजी भाषा की प्रतियोगिता की भी योजना बना रहा है। भविष्य में जीवन में बड़ा कर दिखाने की हसरत पाले उद्यमी बच्चों के मैडीकल व इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षाओं में मदद के साथ-साथ इस ईनामी योजना का विस्तार अन्य स्कूलों में भी किया जाएगा।

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