Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Mar, 2018 01:12 AM
जिला कुल्लू में पर्यटन सीजन शुरू होने वाला है, ऐसे में कई स्थानीय लोग वन विभाग की बिना अनुमति लिए वन भूमि पर टैंट गाड़ देते हैं।
काईस: जिला कुल्लू में पर्यटन सीजन शुरू होने वाला है, ऐसे में कई स्थानीय लोग वन विभाग की बिना अनुमति लिए वन भूमि पर टैंट गाड़ देते हैं। वहीं कई लोग इसकी आड़ में अवैध रूप से व्यावसायिक गतिविधियां चलाते हैं लेकिन अब जिला की वन भूमि पर स्थानीय लोग अस्थायी रूप से टैंट नहीं गाड़ सकेंगे। वन विभाग पर्यटन स्थलों पर अवैध रूप से व्यावसायिक गतिविधि चलाने वालों पर सख्त हो गया है। प्रदेश हाईकोर्ट के सख्त निर्देश के बाद वन विभाग हरकत में आ गया है।
जुर्माने के साथ दर्ज हो सकती है एफआई.आर.
पर्यटन सीजन के दौरान जिला के खीर गंगा, चंद्र खैनी, बिजली महादेव, रुद्र नाग, सोझा व रुमटु आदि अनेक पर्यटन स्थलों में लोग अपनी मर्जी से टैंट लगाकर खाने-पीने की सामग्री उपलब्ध करवाते थे लेकिन आगामी सीजन में इस तरह की गतिविधियों पर वन विभाग ने पूरी तरह से रोक लगाई है। यदि कोई व्यक्ति पर्यटन स्थलों में अवैध रूप से बिना अनुमति से टैंट लगाता हुआ पकड़ा जाता है तो जुर्माने के साथ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। अगर कोई व्यक्ति इसके बाद भी अस्थायी रूप से लगाए गए टैंट नहीं हटाएगा तो उसके खिलाफ एफ .आई.आर. भी दर्ज हो सकती है। ऐसे में वन भूमि पर अवैध गतिविधियां चलाने वाले लोगों में हड़कंप मच गया है।
वन विभाग की अनुमति से ट्रैकर लगा सकते हैं टैंट
जिला की ऊंची चोटियों में ट्रैकिंग करने वाले लोग ही वन विभाग की अनुमति से वन भूमि पर टैंट गाड़ सकते हैं, लेकिन इसके लिए समय अवधि निर्धारित की गई है। वन भूमि पर टैंट लगाने के लिए ट्रैकर को 250 रुपए प्रति टैंट के हिसाब से चार्ज देना होगा।
खीर गंगा में जल्द हटाए जाएंगे 23 टैंट
मणिकर्ण घाटी स्थित धार्मिक पर्यटन स्थल में स्थानीय लोगों ने वन भूमि पर अवैध रूप से टैंट गाड़ रखे हैं। जानकारी के अनुसार यहां पर लोगों ने स्थायी रूप से टैंट लगा दिए हैं। हालांकि सर्दी के मौसम में खीर गंगा में व्यावसायिक गतिविधियां बंद रहती हैं, लेकिन गर्मी के मौसम में यहां हजारों लोगों की आवाजाही रहती है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद वन विभाग ने करीब 23 टैंट मालिकों को जल्द टैंट हटाने के नोटिस भेजे हैं। वन विभाग ने आगामी पर्यटन सीजन से पहले टैंट हटाने को कहा है।