Edited By Updated: 19 Feb, 2017 04:08 PM
हिमाचल प्रदेश के उद्योग विभाग में अजीबोगरीब नियमों से की जा रही भर्ती पर विवाद खड़ा होने के बाद
शिमला : हिमाचल प्रदेश के उद्योग विभाग में अजीबोगरीब नियमों से की जा रही भर्ती पर विवाद खड़ा होने के बाद आखिरकार सरकार जाग गई है। बता दें कि राज्य सरकार ने निर्धारित इंटरव्यू को रोककर माली की भर्ती को नए नियम तैयार किए है। जानकारी के मुताबिक, इन नियमों में अब 8वीं कक्षा के पढ़े-लिखे लोग पढ़े-लिखे लोग इससे अधिक शैक्षणिक योग्यता के कोई अलग नंबर नहीं होंगे। यह अधिसूचना प्रधान सचिव उद्योग ने दी है। इससे पहले एमए पढ़े-लिखे लोगों को खास तरजीह दी जा रही थी। भर्ती की प्रक्रिया के दौरान उद्योग महकमा नियम नहीं बनाए जाने की बात कर रहा था। इतनी ही नहीं 5 माह पहले हिमाचल सरकार के उद्योग विभाग में कम पढ़े-लिखे बेरोजगारों के साथ एक भद्दा मजाक हो रहा था।
पहले एमए पास को दिए जा रहे थे 40 नंबर ज्यादा
दरअसल, माली की नौकरी के लिए प्राइमरी पास से आवेदन मांगे जा रहे थे, जबकि नंबर एमए और एमएससी के भी जोडे़ जा रहे थे। 10वीं पास को पांच, हायर सेकेंडरी पास को 10, बीए पास को 20 और एमए पास को 40 अंक दिए जा रहे थे। बताया जा रहा है कि उद्योग विभाग की सेरीकल्चर विंग में 30 बेलदार मालियों की भर्ती की जानी थी। इसके लिए प्रत्येक उम्मीदवार से 200-200 रुपए के हिसाब से फीस भी जुटाई जा रही थी। तीन हजार से अधिक आवेदन आ चुके थे। इनमें प्राइमरी, मिडल पास से लेकर एमए पढ़े-लिखे उम्मीदवारों के आवेदन भी शामिल थे। उस समय सेरीकल्चर विंग में माली के 30 पदों को भरने के लिए ये परीक्षा हो रही थी। अब पूरे उद्योग विभाग में माली और बेलदार के कुल 132 पदों को भरा जाएगा।