Edited By Punjab Kesari, Updated: 10 Jan, 2018 05:54 PM
प्रदेश में शराब बिक्री के लिए नई सरकार अब नई पॉलिसी लेकर आ रही है। बुधवार को हुई जयराम सरकार की कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है। कैबिनेट बैठक में पूर्व सरकार की आबकारी नीति को निरस्त कर करते हुए शराब बिक्री के लिए बनाए गए बेवरेज निगम को निरस्त...
धर्मशाला: प्रदेश में शराब बिक्री के लिए नई सरकार अब नई पॉलिसी लेकर आ रही है। बुधवार को हुई जयराम सरकार की कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया है। कैबिनेट बैठक में पूर्व सरकार की आबकारी नीति को निरस्त कर करते हुए शराब बिक्री के लिए बनाए गए बेवरेज निगम को निरस्त करने की मंजूरी दे दी गई है। इस बात का जिक्र बीजेपी ने विधानसभा चुनावों से पहले बनाई गई अपनी चार्जशीट में भी किया था। कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस बारे जानकारी देते हुए कहा कि सरकार जो नई पॉलिसी बनाएगी उससे शराब की बिक्री में हो रही मनमानी पर रोक लगेगी।
उल्लेखनीय है कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने 2016 में शराब कारोबार की देखरेख के लिए बेवरेज निगम का गठन किया था। इस आबकारी नीति के तहत शराब कारोबार नीति में बदलाव किए गए थे। करीब 9 साल बाद नीति में बदलाव करते हुए यह व्यवस्था की गई थी कि अब शराब लाइसेंस स्वत: ही पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ नवीनीकृत नहीं किए जाएगा। इसके बजाय प्रतिस्पर्धी बोलियां आमंत्रित की गई थी। पूर्व सरकार में अधिकारियों ने तर्क दिया था कि अभी तक कॉन्ट्रैक्टर बोलियों की पूलिंग कर लेते थे, जिससे सरकार को नुकसान होता था। अब सीलबंद निविदाओं से पिछले साल की तुलना में न्यूनतम 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी तो सुनिश्चित होगी ही और सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को लाइसेंस दिया जाएगा। इससे राजस्व में 250 से 350 करोड़ रुपये का इजाफा होगा।