निर्भया मामला: प्रवासियों को सब मालूम पर बताने से कर रहे इंकार!

Edited By Punjab Kesari, Updated: 31 Jul, 2017 12:35 AM

nirbhaya case  migrants know everything but refused to tell

भुंतर में हुए निर्भया रेप एंड मर्डर केस में जितने मुंह उतनी बातें वाला क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है।

कुल्लू: भुंतर में हुए निर्भया रेप एंड मर्डर केस में जितने मुंह उतनी बातें वाला क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूरे प्रकरण में दोषियों के सामने होते हुए भी पुलिस की जांच उलझती ही गई। पुलिस को इस बात का इल्म था कि मामले में दाल में कुछ काला नहीं है बल्कि पूरी दाल ही काली है। धुंधली फुटेज को लेकर अमरीका की निजी लैब ने भी भले ही हाथ खड़े कर दिए हों लेकिन इन धुंधले चेहरों के मालिक युवक और युवती के अपने भी इन्हें पहचाने से इंकार कर रहे हैं। फुटेज में युवक और युवती के साथ चल रही बच्ची को वारदात का शिकार बताया जा रहा है। पुलिस की मानें तो बच्ची के परिजनों ने कपड़ों और धुंधले चेहरे के दम पर भी अपनी लाडली को पहचाना और कहा कि यही हमारी बच्ची है। फुटेज में दिख रहे युवक और युवती को बच्ची के परिजन भी पहचानने से इंकार कर रहे हैं।

हर रोज झुग्गियों से ही निकलती थी युवती
पुलिस की मानें तो फुटेज में दिख रही युवती हर रोज झुग्गियों से ही निकलती थी और बाजार में कचरे के बीच से पुन: बिकने वाला व जरूरत का अन्य सामान छांटती थी। अब यह युवक और युवती कहां हैं झुग्गियों में रहने वाला कोई भी व्यक्ति यह बताने को तैयार नहीं है। पुलिस ने मई महीने में भी एक युवक का पीछा किया तो वह झुग्गियों की तरफ भाग गया। जब उसे हिरासत में लेने का प्रयास किया तो झुग्गियों में रहने वाले लोगों ने पुलिस पर पथराव तक कर डाला। हालांकि पुलिस जैसे तैसे युवक को थाना लेकर आई। पुलिस तभी समझ गई थी कि दाल में कुछ काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली है। सवाल यह भी उठ रहा है कि फुटेज में नजर आ रहे युवक और युवती को झुग्गियों को रहने वाले लोग क्यों नहीं पहचान रहे हैं जबकि पुलिस को मुखबिरों और अन्य कई लोगों से पता चला है कि फुटेज में नजर आ रही युवती हर रोज झुग्गियों से ही निकलती थी।

प्रवासियों के भेष में कहीं गिरोह तो नहीं शामिल
इस बात को लेकर भी लोग चर्चा कर रहे हैं कि कहीं प्रवासियों के भेष में कोई गिरोह काम तो नहीं कर रहा है जो लड़कियों को उठाकर अन्य प्रांतों में या वैश्यालयों में बेच देता हो। हो सकता है कि वारदात की शिकार लड़की पर भी दबाव बनाया गया हो लेकिन वह न मानी हो। इसलिए उसे दुष्कर्म की वारदात का शिकार बनाने के बाद मुंह खुलने के खौफ के चलते हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया गया हो। हो सकता है झुग्गियों में रहने वाले अन्य लोग भी इस सौदे में संलिप्त हों इसलिए धुंधले चेहरों को पहचानने से इंकार कर रहे हों। यदि कोई व्यक्ति किसी समूह में या सोसायटी में वर्षों से रह रहा है तो उसकी चाल-ढाल, पहनावे और अन्य बातों के लिहाज से उस समूह के लोग उस व्यक्ति को पहचान सकते हैं भले ही वह किसी धुंधली वीडियो में ही क्यों न दिख रहा हो। 

एस.पी. ने नए सिरे से खोल दी है जांच
कुल्लू की नई पुलिस जिला कप्तान शालिनी अग्निहोत्री द्वारा 2 दिन पहले घटना स्थल का दौरा किए जाने और वारदात की शिकार बच्ची के परिजनों से मुलाकात के बाद पुलिस ने मामले पर जांच तेज कर दी है। मामले की नए सिरे से जांच की जा रही है। वहीं थाना प्रभारी भुंतर अजय कुमार ने बताया कि फुटेज में वारदात की शिकार लड़की को उसके परिजन पहचान रहे हैं लेकिन युवती व युवक को पहचानने से इंकार कर रहे हैं। पुलिस सभी बिंदुओं पर छानबीन कर रही है। कहीं झुग्गियों में रहने वाले लोग युवक और युवती को बचाने का प्रयास तो नहीं कर रहे हैं, इसका भी पता लगाया जा रहा है। अमरीका से आने वाली फुटेज रिपोर्ट अभी नहीं आई है।

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