Edited By Punjab Kesari, Updated: 27 Dec, 2017 04:34 PM
हिमाचल के नए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की लव स्टोरी काफी रोचक है। उनका निजी और सार्वजनिक जीवन वैसे तो एक खुली किताब है, लेकिन उनकी जीवन संगिनी डॉ. साधना और उनके मिलने की कहानी दिलचस्प है। जयराम और डॉ. साधना की पहली मुलाकात संघ के सम्मेलन में ही हुई थी।
शिमला: हिमाचल के नए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की लव स्टोरी काफी रोचक है। उनका निजी और सार्वजनिक जीवन वैसे तो एक खुली किताब है, लेकिन उनकी जीवन संगिनी डॉ. साधना और उनके मिलने की कहानी दिलचस्प है। जयराम और डॉ. साधना की पहली मुलाकात संघ के सम्मेलन में ही हुई थी।
ऐसे हुई थी पहली मुलाकात
नब्बे के दशक में जम्मू में आयोजित संघ प्रचारकों के सम्मेलन में जयराम की मुलाकात राजस्थान की प्रचारक डॉ. साधना से हुई। वहां उनकी सबसे पहले दोस्ती हुई और फिर यह रिश्ता प्यार में बदल गया। वर्ष 1995 में वह दोनों परिणय सूत्र में बंध गए। बताया जाता है कि हिमाचल के मंडी में साल 1965 में जन्में जयराम ठाकुर की पत्नी मूल रूप से कर्नाटक की रहने वाली हैं। लेकिन बाद में वह कनार्टक से जयपुर शिफ्ट हो गई थी। जयराम ठाकुर का ससुराल जयपुर के झोटावाड़ा में है। साल वर्ष 1995 में उन्होंने साधना ठाकुर से शादी की थी।
आलीशान घर बनाने के बाद भी पुश्तैनी घर को नहीं भूल पाए
शादी के 3 साल बाद जयराम विधायक बन गए, लेकिन उन्होंने पुराने घर से नाता नहीं टूटने दिया। इससे पहले वे वर्ष 1993 में विधानसभा चुनाव हार गए थे। आर्थिक तंगी और चुनावी हार से मुश्किल हालात सामने आए, जिसे जयराम ने बखूबी संभाल लिया। साल 1995 में डॉ साधना ठाकुर से शादी करने के बाद उन्होंने अपनी जीवन साथी का गृह प्रवेश पुश्तैनी घर में ही करवाया। इसके 3 साल बाद वह पहली बार विधायक बने।पहले वह अपने पुश्तैनी घर में रहते थे। आज तो आलीशान घर बना लिया है, लेकिन व्यस्त होने के बावजूद वे अपनों को नहीं भूले हैं।
आरएसएस नेता थे जय राम के ससुर
बता दें कि साधना ठाकुर श्रीनाथ राव की बेटी हैं। उनके पिता भी आरएसएस नेता रहे हैं। श्रीनाथ राव वर्ष 1974 में कर्नाटक से जयपुर आ गए थे। उन्होंने यहीं अपना व्यापार शुरू किया।
शादी के 3 साल बाद विधायक बने जयराम
जयराम को अपने जीवन के पहले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। उनकी शादी साल 1995 में हुई थी और शादी के 3 साल बाद वह पहली बार विधायक चुने गए और विधानसभा पहुंचे। उन्होंने 1993 में पहला चुनाव लड़ा।