Edited By Updated: 12 Feb, 2017 09:27 PM
समाज में अलग-अलग प्रकार के लोग हमें प्रतिदिन देखने को मिलते हैं।
नाहन: समाज में अलग-अलग प्रकार के लोग हमें प्रतिदिन देखने को मिलते हैं। कुछ स्वस्थ शरीर होने के बावजूद भी दूसरों पर निर्भर रहते हैं तो कुछ दिव्यांग होने के बावजूद भी मेहनत करना नहीं भूलते। ऐसे ही लोगों में शामिल है नाहन के रानीताल बाग निवासी नाजिम खान। बचपन से ही दिव्यांग होने के बावजूद 32 वर्षीय नाजिम जितना संभव हो सके मेहनत करता है और अपना पेट पाल रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नाजिम का परिवार गरीब परिवार है। पिता मिस्त्री का काम करते हैं तो मां गृहिणी है। हालांकि बेटे का दिव्यांग होना उन्हें हमेशा चिंतित रखता है लेकिन उसके काम करने की लगन से उन्हें कुछ राहत जरूर मिलती है।
संस्थानों के पैम्फलेट बांट कर करता है गुजारा
अभिभावक बताते हैं कि नाजिम 40 प्रतिशत दिव्यांग है, वह सही से बातचीत नहीं कर सकता और हाथ व टांगों में समस्या होने के चलते वह सही से चलने में असमर्थ है और हाथों से काम करने में भी लेकिन जितना हो सके वह काम करता है। नाजिम पिछले कई सालों से अलग-अलग संस्थानों के पैम्फलेट बांटता है और पैम्फलेट बांटकर जो राशि मिलती है उससे अपना गुजारा करता है। हालांकि पैम्फलेट बांटने का काम आसान नहीं है और उसके लिए इधर-उधर चलना पड़ता है लेकिन फिर भी वह यह काम करता है।
सी.एम. से लगाई नौकरी की गुहार
दिव्यांग नाजिम ने बताया कि वह 40 प्रतिशत तक दिव्यांग है और परिवार गरीब होने के चलते उसे अपना गुजारा चलाना मुश्किल होता जा रहा है, ऐसे में उसने मुख्यमंत्री से हाल ही में कोई छोटी नौकरी दिलवाने की गुहार लगाई है ताकि वह अपना पेट पाल सके और उसे दूसरों पर निर्भर न रहना पड़े। नाजिम ने सरकार से गुहार लगाई कि दिव्यांगों की नौकरी पर बल दिया जाए।
नवयुवक मंडल का है सदस्य
दिव्यांग होने के बावजूद नाजिम नवयुवक मंडल का सदस्य है और मंडल में होने वाले कार्यक्रमों व समाज सेवा के कार्यों में अपनी अहम भूमिका निभाता है। इसके अलावा आस्था से संबंधित कार्यक्रमों में वह अपनी अहम भूमिका निभाता है और इन कार्यक्रमों में सेवा भी करता नजर आता है।