Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Dec, 2017 02:33 PM
नगर निगम को सालों से संपत्ति कर का भुगतान नहीं करने वाले डिफाल्टरों से निगम ने 7 लाख रुपए की वसूली कर ली है। निगम द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स रिकवरी अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत डिफाल्टरों को नगर निगम कमिश्नर के पास पेश होना होता है, इस दौरान टैक्स...
शिमला: नगर निगम को सालों से संपत्ति कर का भुगतान नहीं करने वाले डिफाल्टरों से निगम ने 7 लाख रुपए की वसूली कर ली है। निगम द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स रिकवरी अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत डिफाल्टरों को नगर निगम कमिश्नर के पास पेश होना होता है, इस दौरान टैक्स रिकवरी के आदेश दिए जा रहे हैं। बुधवार को नगर निगम ने रिकवरी अभियान के तहत 7 लाख रुपए की वसूली कर ली है। कमिश्नर के पास पेशी के डर से डिफाल्टर निगम की कर शाखा में आकर सालों से लंबित पड़े संपत्ति कर बिल का भुगतान कर रहे हैं। नगर निगम आयुक्त जी.सी. नेगी ने बताया कि डिफाल्टर रोज पेश हो रहे हैं और उन्हें संपत्ति कर चुकता करने के आदेश दिए जा रहे हैं।
निगम अब तक 7 लाख रुपए की वसूली डिफाल्टरों से कर चुका है। आगामी 15 दिसम्बर तक यह अभियान चलाया जाएगा और इसके बाद जो डिफाल्टर शेष रह जाएंगे, उन्हें भी एक-एक करके बुलाया जाएगा। निगम की सबसे बड़े डिफाल्टरों की सूची में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग से करीब 2 करोड़ और चौपाल के विधायक से 50 लाख रुपए की रिकवरी होनी है। विधायक द्वारा केवल 1 लाख रुपए का बिल ही अब तक चुकता किया गया है। इसके अलावा आई.एस.बी.टी. से निगम को 2 करोड़ 68 लाख रु पए की वसूली होनी है वहीं रिपन अस्पताल से निगम को करीब 10 लाख रुपए की वसूली होनी है। अस्पताल प्रबंधन को भी पेशी के लिए बुलाया गया है।
अब तक हुई 12 करोड़ की वसूली
नगर निगम को वर्ष 2017-18 के संपत्ति कर से अब तक 12 करोड़ के प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली हो चुकी है। शहर में कुल 26 हजार संपत्ति कर धारक हैं, इनमें से निगम को 23 हजार उपभोक्ताओं द्वारा टैक्स का भुगतान कर दिया गया है, जबकि 3 हजार लोग ऐसे हैं, जिन्होंने निगम को अब तक टैक्स नहीं चुकाया हैं। निगम को एरियर रिकवरी सहित कुल 17 करोड़ रुपए की आय टैक्स से प्रस्तावित है। ऐसे में निगम ने इन डिफाल्टरों को नोटिस जारी कर टैक्स भुगतान करने के आदेश दिए हैं।