Edited By Punjab Kesari, Updated: 27 Jul, 2017 01:46 AM
ऐतिहासिक मिंजर मेला की चौथी सांस्कृतिक संध्या पूरी तरह से पहाड़ी लोक गायक कुलदीप शर्मा के नाम रही।
चम्बा: ऐतिहासिक मिंजर मेला की चौथी सांस्कृतिक संध्या पूरी तरह से पहाड़ी लोक गायक कुलदीप शर्मा के नाम रही। कुलदीप ने अपनी चिरपरिचित गायकी के अंदाज में पहाड़ी नाटियों का गुलदस्ता पेश करके लोगों का जहां खूब मनोरंजन किया तो साथ ही इस सांस्कृतिक संध्या को अपने नाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इससे पूर्व सांस्कृतिक संध्या का आगाज चम्बयाली लोक गायक मुसाधा से हुआ। इसके बाद हिंदी फिल्मी, पहाड़ी तथा पंजाबी गीतों का दौर शुरू हुआ। बनीखेत के लोक गायक सुरेंद्र कुमार, लोक गायक सुभाष ने अपनी प्रस्तुति दी। इसके बाद सनातन धर्म कला मंच ने चम्बयाली लोकनृत्य घुरेई पेश किया। वहीं कुल्लू के मां भद्रकाली म्यूजिकल ग्रुप के कलाकारों ने अपना कार्यक्रम पेश किया तथा चम्बा जिला के चंद्रशेखर नाटक मंच ने गद्दी नृत्य पेश किया।
हरिदत्त ने बांसुरी की धुन से किया लोगों का मनोरंजन
इसके बाद हरिदत्त भारद्वाज ने बांसुरी की धुनों से लोगों का मनोरंजन किया। वहीं चम्बा के लोक गायक अरुण कुमार व स्मृति, केशव शर्मा, चम्बा की गायिका अपूर्वा पांडे, शैफाली, साहो के लोक गायक दुनी चंद राठौर व शांति हेटा ने भी अपनी प्रस्तुति पेश की। अजीत भट्ट एंड पार्टी ने लोक गायक कुंजड़ी मल्हार पेश किया। नॉर्थ जोन कल्चर सैंटर ने हरियाणा, मणिपुर व पंजाब की लोक संस्कृति को पेश किया। धर्मशाला के हाईजैक बैंड की कलाकारा ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत चम्बा के पहाड़ी शिव भजन से की। इस दौरान चम्बा के तारिक मलिक ने दिवंगत गायक जगजीत सिंह के गीतों को गाकर उनकी यादों को ताजा कर दिया।
कौल सिंह ठाकुर रहे मुख्यातिथि
चौथी सांस्कृतिक संध्या के मुख्यातिथि स्वास्थ्य एवं राजस्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह रहे। मिंजर मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष डी.सी. चम्बा सुदेश मोख्टा ने मुख्यातिथि को शॉल, टोपी व स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मानित किया तो वहीं जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष एवं चुराह के पूर्व विधायक सुरेंद्र भारद्वाज को भी टोपी व स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।