कई घरों को बर्बाद कर रहा है 'चिट्टा', पढ़ें पूरी खबर

Edited By Punjab Kesari, Updated: 01 Jun, 2017 04:30 PM

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नशे के खिलाफ बड़े अभियान और सख्ती के बावजूद यह कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है।

ऊना: नशे के खिलाफ बड़े अभियान और सख्ती के बावजूद यह कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। अत्यंत घातक हैरोइन (चिट्टा) तो कई घरों को बर्बाद कर रहा है। इसके साथ अफीम, चरस और प्रतिबंधित कैप्सूल एवं अन्य मैडीकल स्टोरों पर बिकने वाली दवाइयां बेचने वाले कई गिरोह सक्रिय हैं। रात का अंधेरा होते ही इसके सौदागर आसपास के सुनसान क्षेत्रों में मंडराने लगते हैं। उनके निशाने पर युवा पीढ़ी होती है। पुलिस की लगातार छापामारी और धरपकड़ के बावजूद यह धंधा बदस्तूर जारी है। अपने चंद फायदे के लिए नशे के सौदागर कई घरों में अंधेरा कर रहे हैं।  नशे का कारोबार किस कदर पनप रहा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले वर्ष पुलिस ने एन.डी.पी.एस. के 44 मामले पकड़े और 57 आरोपियों को गिरफ्तार किया।


इनके कब्जे से साढ़े 7 किलो से अधिक चरस, 117 किलो ग्राम चूरा-पोस्त, 38.048 ग्राम चिट्टा, 1.098 ग्राम स्मैक, 1 किलो 850 ग्राम गांजा, 20630 गोलियां/ कैप्सूल बरामद किए हैं। इसी प्रकार इस वर्ष के मई तक 29 मामले दर्ज किए गए। इनमें 41 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस दौरान उनके कब्जे से 2 किलो 834 ग्राम चरस, 48 किलो चूरा-पोस्त, 61.700 ग्राम हैरोइन, 43.057 ग्राम गांजा तथा 15260 नशीली गोलियां बरामद की गई हैं। नशे के दलदल में धंसे युवाओं के परिजनों का दर्द गहराता जा रहा है। एक परिवार को अपनी लाडली को दूसरे राज्य में स्थित नशा निवारण केंद्र में भेजना पड़ा। परिवार सामाजिक तौर पर उसे किसी कोर्स में दाखिल करवाने की बात कहता रहा। हालांकि वह इतनी आदी हो चुकी थी कि नशे की खेप न मिलने पर वह दवाइयों की दुकान पर नशीले कैप्सूल तक मांगने लगती थी।


एक युवक जब लहूलुहान अवस्था में पड़ा था और उसकी सूचना परिजनों को दी तो पिता ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया, जो मर्जी हो वह उसे घर लेकर नहीं जाएगा। घर के दूसरे सदस्यों ने भी उसके लिए दरवाजे बंद कर दिए। हाल यह है कि युवक तो युवक, युवतियां भी कुछ कैमिस्ट की दुकानों पर नशीले कैप्सूल और दवाइयां लेने पहुंचती हैं। नशे के दलदल में जिस तरीके से युवक धंस रहे हैं वह समाज के लिए गहरी ङ्क्षचता का विषय है। क्षेत्रीय चिकित्सालय ऊना में खोले गए परामर्श केंद्र में भी लगातार ऐसे युवा आ रहे हैं जो नशे के दलदल में धंस चुके हैं। इंजैक्शन के साथ-साथ कई नशीले पदार्थों के वह आदी हो चुके हैं। एस.पी. अनुपम शर्मा के मुताबिक पुलिस लगातार नशे के सौदागरों पर शिकंजा कस रही है। वर्ष 2016 और इस वर्ष क्रमश: 44 व 29 एन.डी.पी.एस. के मामले दर्ज हुए हैं। इनमें 98 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।  

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