Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Sep, 2017 11:52 AM
जिम ट्रेनर लक्की की हत्या की गुत्थी सुलझने के बाद कई खुलासे हो रहे हैं। एक बात ये भी सामने आई है कि पकड़े गए तीनों शातिर कई बार पहले भी सोलन आ चुके हैं।
सोलन: जिम ट्रेनर लक्की की हत्या की गुत्थी सुलझने के बाद कई खुलासे हो रहे हैं। एक बात ये भी सामने आई है कि पकड़े गए तीनों शातिर कई बार पहले भी सोलन आ चुके हैं। पुलिस से पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया है कि दिल्ली और हरियाणा में जुर्म को अंजाम देने के बाद वे भागकर सोलन आ जाते थे। सोलन में किराए पर कमरा लेते और मोबाइल फोन बंद करके यहां छुप कर बैठ जाते। यानी अपराध को अंजाम देने के बाद सोलन उनके लिए छिपाने का ठिकाना बन गया था। अब ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि अगर वो कई बार सोलन में किराए पर कमरे लेकर रहे तो फिर उनसे किसी ने पहचान पत्र क्यों नहीं लिया। नियमों के मुताबिक किसी को भी किराए पर कमरा देने से पहले किराएदार की पहचान सुनिश्चित करना मालिक का दायित्व होता है। यहां तक की होटल में रुकने के लिए भी पहले पहचान पत्र देना जरूरी होता है।
तो क्या सोलन की गलती लक्की पर पड़ी भारी
अगर सोलन के बाशिंदे नियमों के मुताबिक काम करते तो सोलन को अपना ठिकाना बनाने में किसी भी अपराधी के लिए मुश्किल होती। लक्की के हत्यारे इसीलिए यहां पर सुरक्षित ढंग से छुप सके क्योंकि सोलन ने नियमों की अनदेखी की। अगर नियमों के हिसाब से पुलिस वैरिफिकेशन कराई गई होती तो, या तो उनकी पहचान पहले ही सामने आ चुकी होती या फिर सोलन को अपनी शरणस्थली नहीं बना पाते। ऐसे में सवाल ये है कि क्या सोलन की एक गलती लक्की की जान पर भारी पड़ी। अगर ऐसा है तो क्या भविष्य के लिए हम सबक सीखेंगे।