दुनिया के नक्शे से मिट सकता है कुल्लू-काजा रोड, वजह कर देगी हैरान

Edited By Punjab Kesari, Updated: 05 Nov, 2017 07:14 PM

kullu kaja road can erased from map of the world  surprised to know reason

कुल्लू-काजा सड़क मार्ग का सफर वाहन चालकों सहित यात्रियों के लिए जोखिमपूर्ण बन गया है।

उदयपुर: कुल्लू-काजा सड़क मार्ग का सफर वाहन चालकों सहित यात्रियों के लिए जोखिमपूर्ण बन गया है। ग्रांफू  से छोटा दड़ा तक करीब 35 किलोमीटर का पर्वतीय सड़क मार्ग अब किसी अनहोनी को दावत दे रहा है। वाहन चालकों का कहना है कि इस सड़क मार्ग में गाड़ी चलाना बेहद जोखिमपूर्ण है। ग्रांफू  से छोटा दड़ा तक सारी सड़क नाले में बदल गई है। हालत इतनी भयानक है कि यात्रियों सहित चालकों की सांसें हलक में अटकी रहती हैं। उधर, बी.आर.ओ. के अधिकारियों की बीते कई माह से एक ही रट चल रही है कि सड़क मार्ग के रखरखाव के लिए केंद्र से बजट नहीं आ रहा है जिससे इसकी दशा सुधारने में दिक्कत हो रही है।

6-7 माह के लिए बंद हो जाएगा मार्ग
हल्के वाहनों सहित मालवाहक ट्रक कुंजुम दर्रा पार करते हुए इस सड़क मार्ग से अभी भी स्पीति आ-जा रहे हैं। अब जैसे ही बर्फबारी होगी तो यह सड़क मार्ग अगले 6-7 माह के लिए बंद हो जाएगा। स्पीति के लोगों का कहना है कि क्षेत्र के जनजातीय लोगों के लिए यह रोड किसी लाइफ लाइन से कम नहीं है। इसी सड़क मार्ग से क्षेत्र में पर्यटन की उम्मीद की जाती रही है लेकिन इस बार तो रोड की दुर्दशा की इंतहा हो चुकी है। यह रोड कारों के चलने योग्य नहीं रहा है जिसके चलते कार में सवार हजारों पर्यटक इस बार डोहरनी नाले से वापस लौट गए हैं। 

जब से बी.आर.ओ. ने संभाली बागडोर, सड़क की हालत हुई खस्ता 
छेरिंग टशी, दावा रिंचेन, लोबजंग ज्ञालसन व दोरजे नमज्ञाल सहित कई लोगों ने बताया कि लाइफ लाइन की खस्ता हालत के चलते पर्यटन कारोबारियों को इस मर्तबा लाखों की चपत लग चुकी है, दूसरी तरफ  कार्यक्रम तय करने के बावजूद देश-विदेश के पर्यटक स्पीति भ्रमण से वंचित हुए हैं। उनका कहना है कि इस रोड के रख-रखाव का जिम्मा जब हिमाचल लोक निर्माण विभाग के पास था तब इसकी हालत कुछ हद तक सही भी थी लेकिन जब से इसका उत्तरदायित्व बी.आर.ओ. के सुपुर्द किया गया है, तभी से इसकी हालत बद से बदतर होती गई है। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि यदि इस ओर ध्यान न दिया गया तो जल्द ही सामरिक महत्व का यह रोड दुनिया के नक्शे से मिट जाएगा। 

क्या कहते हैं चालक 
चालक तेंजिन व लोबजंग का कहना है कि इस रोड में चलने वाली गाडिय़ां एक ही सीजन में खटारा बन रही हैं। काजा से मनाली तक प्रतिव्यक्ति हालांकि 1000 रुपए किराया लिया जा रहा है, बावजूद इसके उन्हें भारी नुक्सान झेलना पड़ रहा है। उनका कहना है कि रोड की हालत अगर नहीं सुधरी तो आने वाले समय में उन्हें भी धंधा बंद करते हुए बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा। कई चालकों ने बताया कि ऐसी बदहाल सड़क उन्होंने पहले कभी नहीं देखी है। उनका कहना है कि बेहद जोखिमपूर्ण सड़क मार्ग की दुर्दशा में वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है। चालक से छोटी सी चूक हो जाए तो यहां कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है। 

मुसीबत में फंस रहे हैं पर्यटक
उधर, एच.आर.टी.सी. की बसों के सीजन भर पटे टूटने की घटनाएं पेश आती रही हैं। बदहाल सड़क मार्ग पर गाडिय़ों का खराब होना भी यहां आम बात हो गई है। इसके चलते यात्रियों के साथ-साथ यहां पर्यटक भी मुसीबत में फंस रहे हैं। ग्रांफू  से लेकर छोटी डोहरनी, पागल नाला और छोटा दड़ा के आसपास सड़क मार्ग नाले की शक्ल में बदल गया है, जिससे चालकों के साथ यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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