Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Jul, 2017 03:49 PM
कोटखाई गैंगरेप और हत्या मामले में प्रदेश सरकार ने आखिरकार सीबीआई जांच करवाने का फैसला लिया है।
शिमला। कोटखाई गैंगरेप और हत्या मामले में प्रदेश सरकार ने आखिरकार सीबीआई जांच करवाने का फैसला लिया है। लोगों के गुस्से और दबाव को देखते हुए वीरभद्र सरकार को मजबूरन यह फैसला लेना पड़ा। कुल्लू दौरे से वापस लौटने के बाद सीएम वीरभद्र सिंह ने ताजा हालात की जानकारी ली और मामला सीबीआई के हवाले करने का फैसला लिया है। अब यह मामला हिमाचल पुलिस के हाथों से सीबीआई के पास जाएगा। सीबीआई अब इस मामले की जांच करेगी। दरअसल लोगों का आरोप था कि पुलिस इस मामले में हाईप्रोफाइल लोगों को बचा रही है। शुक्रवार को सुबह से ही ठियोग, कोटखाई और दूसरी जगहों पर इस मामले में लोग प्रदर्शन कर रहे थे। जिसके बाद सरकार पर दबाव बढ़ता गया।
पुलिस की जांच पर सवाल
लोग शुरू से ही आरोप लगा रहे थे कि इस मामले में बड़े बड़ों को बचाया जा रहा है और छोटे लोगों को बलि का बकरा बनाया गया है। एसआईटी बनने के 51 घंटे बाद ही पुलिस इस सनसनीखेज मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया था। लेकिन पुलिस कई सवालों का जवाब नहीं दे रही थी, जिसकी वजह से लोगों का गुस्सा भड़कने लगा।
1. जब चार जुलाई को गुड़िया की मौत हो गई थी, तो छह जुलाई तक जंगल में जानवरों से लाश कैसे बची रही?
2. शव के साथ अगर उसके कपड़े रखे गए थे तो वे इससे पहले बारिश होने के बावजूद वे सही सलामत कैसे थे?
3. अगर दो दिन तक लाश वहां पड़ी थी तो उसके हाथ पैर और पूरा शरीर बिलकुल साफ सुथरा कैसे था?
4 दुराचार के दौरान छटपटाहट की वजह से उसके हाथों शरीर में मिट्टी क्यों नहीं लगी?
5 जो दो नेपाली जो पकड़े गए, उनके डेरे से घटनास्थल की दूरी करीब 200 मीटर है, ये सवाल उठता है कि नेपालियों ने ये हत्या की होती तो वे वहां शव क्यों फेंकते?
6 आमतौर पर जघन्य हत्या करने के बाद नेपाली भाग जाते हैं। लेकिन हत्या के बाद ये भागे क्यों नहीं?