कोटखाई रेप एंड मर्डर केस: शिमला नागरिक सभा ने तोड़ी धारा 144, मालरोड व रिज पर किया प्रदर्शन

Edited By Punjab Kesari, Updated: 15 Jul, 2017 11:22 PM

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कोटखाई रेप और मर्डर केस में जनता का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है।

शिमला: कोटखाई रेप और मर्डर केस में जनता का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। ठियोग के बाद शिमला में भी निहत्थी जनता के बीच विरोध की चिंगारी और भड़क गई है। पुलिस के खिलाफ जनता सड़क पर उतर आई है। शनिवार को राजधानी में लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। शिमला नागरिक सभा की अगुवाई में प्रदर्शनकारियों ने धारा 144 तोड़ते हुए माल रोड और रिज मैदान पर जबरदस्त प्रदर्शन किया। उपनगर संजौली की जनता ने तो संजौली से लेकर शिमला तक पैदल मार्च किया। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार, पुलिस महानिदेशक, आई.जी. साऊथ रेंज व एस.पी. शिमला के खिलाफ नारेबाजी की। इस मौके पर तख्तियों पर ‘प्रदेश में कानून व्यवस्था को ठीक करो, बलात्कारियों को फांसी की सजा दो, सरकार होश में आओ, महिलाओं की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करो, गुडिय़ा को न्याय दो’, जैसे नारे लिखे थे। 

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कानून के रक्षक ही बन गए हैं भक्षक 
नागरिक सभा के नेता विजेंद्र मेहरा ने कहा कि अब प्रदेश में कानून के रक्षक ही भक्षक बन गए हैं। हिमाचल में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से बिगड़ गई है। कभी युग जैसे मासूम की निर्मम हत्या होती है तो कभी कुल्लू में बच्ची के साथ दुराचार। उन्होंने कहा कि युग हत्या केस में शिमला पुलिस की कार्यप्रणाली संदेहास्पद रही। बाद में इसे सी.आई.डी. ने सुलझाया। उसके बाद गार्ड होशियार सिंह का कत्ल हुआ। इसमें वन माफिया संलिप्त रहा है। उन्होंने कहा कि सी.बी.आई. के पास केवल गुडिय़ा रेप और मर्डर केस भेजा गया है लेकिन सी.बी.आई. सरकार को रिप्लेस नहीं कर सकती है। सरकार लोगों की सुरक्षा करने में अपनी भूमिका निभाने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि केस दूसरी एजैंसी को देने से सरकार की जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती है। सरकार को असल गुनहगारों को पकडऩा होगा। लोगों की धारणा है कि पकड़े गए आरोपियों के अलावा असली आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है।

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हालात काबू करने में व्यस्त रहे एस.आई.टी. सदस्य
एस.आई.टी. के कई सदस्य प्रदर्शनकारियों को काबू करने में व्यस्त रहे। उनका कहना था कि अगर उन्हें और वक्त मिलता तो वे जांच को नई दिशा देते। उनका कहना था कि जनता का आक्रोश उनकी समझ से परे है। उन्होंने तर्क दिया कि जो आरोपी पकड़े गए हैं, उनके खिलाफ वाकई पुख्ता सबूत हैं। एक आरोपी का तो कन्फैशन वीडियो भी है।

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संजौली में महिलाओं की पुलिस के साथ झड़प
उधर, संजौली की जनता ने शिमला तक पैदल मार्च किया। प्रदर्शनकारियों में बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल रहीं। इनकी लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी के सामने पुलिस के साथ हल्की झड़प भी हुई। एक महिला पुलिस कर्मी उस वक्त प्रदर्शन का वीडियो बना रही थी लेकिन प्रदर्शन में शामिल एक महिला ने उसका मोबाइल छीन लिया। इस दौरान पुलिस कर्मियों ने स्थिति पर तत्काल काबू पाया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने डी.सी. ऑफिस के बाहर एकत्र होकर आरोप लगाया कि सरकार और राज्य की पुलिस केस में रईसजादों को बचाने में लगी हुई है। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए कि ‘गुडिय़ा हम शर्मिंदा है, तेरे कातिल जिंदा हैं।’ उन्होंने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि शिमला के एस.पी. जनता के हित में कार्य नहीं कर रहे हैं, सरकार को चाहिए कि उन्हें इस अहम पद से तत्काल हटा दे। उधर, युवक भारत संगठन ने एस.पी. ऑफिस के बाहर हस्ताक्षर मुहिम छेड़ी।

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