Edited By Punjab Kesari, Updated: 01 Feb, 2018 12:19 PM
हिमाचल प्रदेश की शांत वादियां पहले भी खूंखार अपराधियों की पनाहगार रही हैं। आई.एस.आई.एस. और लश्कर ए तैयबा जैसे खूंखार आतंकी संगठनों से जुड़े आतंकियों ने भी यहां की शांत वादियों को छिपने के लिए महफूज जगह के तौर पर इस्तेमाल किया है। अब नशा कारोबार के...
कुल्लू : हिमाचल प्रदेश की शांत वादियां पहले भी खूंखार अपराधियों की पनाहगार रही हैं। आई.एस.आई.एस. और लश्कर ए तैयबा जैसे खूंखार आतंकी संगठनों से जुड़े आतंकियों ने भी यहां की शांत वादियों को छिपने के लिए महफूज जगह के तौर पर इस्तेमाल किया है। अब नशा कारोबार के एक दर्जन बड़े किंग भी पुलिस के राडार पर हैं जो कुल्लू की शांत वादियों में छिपकर बैठे हुए हैं। इनकी पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को सरगर्मी से तलाश है। चरस व अफीम सहित अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी के मामलों में इन लोगों का नाम बार-बार सामने आया है। पकड़े गए कई अलग-अलग तस्करों ने भी इन्हीं नामों को पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के समक्ष उगला है।
यह लोग नशे के कारोबार को आप्रेट कर रहे
बताया जा रहा है कि पुलिस ने भी एस.आई.यू. के अलावा एक अन्य टीम को इनकी बड़े मगरमच्छों की मौजूदगी का पता लगाने के काम पर लगाया हुआ है। इनके संदर्भ में पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को कुछ जानकारी हाथ लगती है तो ये दबिश से पहले ही ठिकाने बदल रहे हैं। जंगलों में छिपकर बैठे ये बड़े मगरमच्छ अब भी नशे के कारोबार को आप्रेट कर रहे हैं। हालांकि पुलिस ने इन नामों का खुलासा करने से इंकार किया है लेकिन साथ ही पुलिस ने माना है कि इन सभी को जल्द दबोचा जाएगा। अब नशे के कारोबार से जुड़े बड़े मगरमच्छों ने शांत वादियों को छिपने के लिए इस्तेमाल करके पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। इन लोगों पर एन.डी.पी.एस. एक्ट की धारा 29 के तहत मामले दर्ज करने का क्रम शुरू होगा तो प्रत्येक के ऊपर एक या डेढ़ दर्जन से अधिक मामले बनेंगे। कुल्लू की वादियों में छिपे इन लोगों में कुछ हिमाचल से बाहर के भी बताए जा रहे हैं।
इन लोगों को पुलिस ने ढूंढ निकाला था यहां से
कुछ वर्ष पूर्व भी ऐसे ही 3 लोगों को पुलिस ने ढूंढ निकाला था। इनमें 2 ने पकड़े जाने से पहले ही आत्महत्या कर ली थी। कुल्लू के कसोल में कुछ समय पहले ही खूंखार आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के आतंकी शेख अब्दुल नईम ने भी रैकी की थी। कसोल में टैंट में उसने कुछ रातें गुजारी, बाद में उसे ए.टी.एस. ने उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया था और अब वह जेल में हैं। उससे पहले आई.एस.आई.एस. से जुड़े आबिद खान को कुल्लू जिला के बंजार से गिरफ्तार किया गया था और अब वह भी सजा भुगत रहा है।
90 फीसदी कारोबार अब था इनके हाथ
नशे के कारोबार में तस्करी करते हुए पिछले साल ही पुलिस ने 150 के करीब आरोपियों को दबोचा है। चालू वर्ष के पहले महीने में ही यह आंकड़ा एक दर्जन से पार हो गया है। नशे के इस तगड़े कारोबार के 90 फीसदी से अधिक हिस्से को शांत वादियों में छिपकर बैठे यही लोग आप्रेट कर रहे हैं। अन्य तस्कर जो कारोबार कर रहे हैं वे इनके आगे कुछ भी नहीं हैं। इन संबंध देश के विभिन्न हिस्सों में बैठे नशे के सौदागरों से होने के साथ-साथ सात समंदर पार तक हैं।
मलाणा क्रीम के कारण निशाने पर आया मलाणा
विश्व के प्राचीनतम लोकतंत्र के लिए विख्यात शांत मलाणा भी इसी श्रेणी में आने से अचानक उभरा है। विदेशी सैलानी बड़े पैमाने पर मलाणा में डेरा डाले रहते हैं। नशे की तस्करी और नशे का सेवन करते हुए पकड़े गए कई विदेशी सैलानियों ने पुलिस पूछताछ में कई बार खुलासा किया है कि हमें यहां की शांत वादियां कम और यहां की मलाणा क्रीम अधिक पसंद है। ऐसी शांत वादियां तो दुनिया में कई जगह हैं लेकिन यहां की मलाणा क्रीम ही हमें मलाणा की ओर खींचती है। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने भी नशे के कारोबार को लेकर मलाणा और कसोल का जिक्र करते हुए पुलिस को शिकंजा कसने के आदेश दिए हैं, जिन पर पुलिस कसरत कर रही है। कसोल में अवैध और वैध होटलों व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों की भी हाई कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी है।