Edited By Punjab Kesari, Updated: 12 Oct, 2017 12:06 PM
हिमाचल सरकार और प्रारंभिक शिक्षा विभाग जे.बी.टी. के स्वीकृत 700 पदों को भरने में पूरी तरह नाकाम रहा है। उनके सुस्त रवैये के चलते प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त होने से उसका सीधा असर विद्यार्थियों की शिक्षा पर पड़ रहा है।
मंडी: हिमाचल सरकार और प्रारंभिक शिक्षा विभाग जे.बी.टी. के स्वीकृत 700 पदों को भरने में पूरी तरह नाकाम रहा है। उनके सुस्त रवैये के चलते प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त होने से उसका सीधा असर विद्यार्थियों की शिक्षा पर पड़ रहा है।
शिक्षा विभाग ने टैट मैरिट से जे.बी.टी. के पदों को भरने के लिए बीते करीब अढ़ाई महीने पूर्व काऊंसलिंग भी करवाई थी लेकिन कुछ अभ्यर्थियों ने टैट मैरिट को प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जिस पर मामले का निपटारा करने के लिए कोर्ट ने माननीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को निर्देश दिए गए थे, जिस पर माननीय ट्रिब्यूनल ने 30 अगस्त को अपने फैसले में जे.बी.टी. टैट मैरिट को निरस्त कर दिया था। हालांकि विभाग द्वारा जे.बी.टी. के संशोधित आर. एंड पी. जिसमें 50 प्रतिशत बैचवाइज व 50 प्रतिशत कमीशन से भरने का प्रावधान तैयार कर लिए हैं।
जे.बी.टी. टैट पास बेरोजगार संघ के प्रदेशाध्यक्ष राकेश कतनौरिया ने कहा है कि प्रदेश सरकार व विभाग नए आर.एंड पी. के तहत जे.बी.टी. भर्ती करवाने में नाकाम रही है, जिसका खमियाजा प्रदेश के हजारों जे.बी.टी. अभ्यर्थियों को चुकाना पड़ रहा है।