Edited By Punjab Kesari, Updated: 09 Mar, 2018 05:03 PM
जयराम ठाकुर सीएम जयराम ठाकुर ने आज अपना पहले बजट पेश किया। सीएम ने विधानसभा में अगले वित्त वर्ष का 41440 करोड़ रूपए का बजट पेश किया। उन्होंने इस बजट में हर वर्ग का ध्यान रखते हुए समाज के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ दिया है। इस बजट में कोई नया कर नहीं...
शिमला (राजीव): जयराम ठाकुर सीएम जयराम ठाकुर ने आज अपना पहले बजट पेश किया। सीएम ने विधानसभा में अगले वित्त वर्ष का 41440 करोड़ रूपए का बजट पेश किया। उन्होंने इस बजट में हर वर्ग का ध्यान रखते हुए समाज के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ दिया है। इस बजट में कोई नया कर नहीं लगाया गया है। वर्ष 2018-19 में वित्तिय घाटा 7821 करोड़ रहने का अनुमान है। 41440 करोड़ रूपए के बजट अनुमानों में से अगले वित्त वर्ष में वेतन पर अनुमानित खर्च 11263 करोड़ रूपए होगा, जबकि पेंशन पर 5893 करोड़ रूपए व्यय होंगे। ब्याज की अदायगी पर इस दौरान अनुमानित खर्च 4260 करोड़ रूपए होगा। ऋणों की वापसी पर 3184 करोड़ रूपए और अन्य ऋणों पर 448 करोड़ रूपए खर्च होंगे। इतना ही नहीं 2741 करोड़ रूपए रख रखाव पर खर्च होंगे। वर्ष 2018-19 के बजट अनुमानों के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियां 30400 करोड़ रूपए होगा, जबकि कुल राजस्व व्यय 33568 करोड़ रूपए होगा।
पिछली सरकार की योजनाओं को ही चलाया जा रहा
जयराम सरकार ने जहा कई नई योजनाएं चलने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि यह सरकार का और मेरा पहला बजट है। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों के लिए बजट में प्राबधान करने कि कोशिश कि गई है। हिमाचल की आर्थिक स्तिथि अच्छी नही है फिर भी नया करने कि कोशिश की गई है। प्रदेश में सड़क सुविधा और गांव तक सड़क पहुंचाने,किसान,बागवानो और बेरोजगारों के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। उधर कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह सरकार कर्जे से चलेगी और केंद्र कि बैसाखियों पर चलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बेरोजगारों के साथ धोखा किया है। बीजेपी ने चुनावों में बेरोजगारी का मुद्दा उठाया था। लेकिन पहले ही बजट में बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं है। पिछली सरकार की योजनाओं को ही चलाया जा रहा है। रूसा को खत्म करने की बात की थी, कर्मचारियों को पेंशन देने की बात कही थी वो कही नही है। जो जनता के साथ वादे किए थे। उससे कही दूर है ये बजट, सरकार शुरुवात में ही दिशा से भटक गई है।
सरकार को इस पर चिंता ज़ाहिर करनी चाहिए
उधर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस बजट को निराशाजनक करार दिया है। उन्होंने कहा कि बजट में कुछ नया नहीं है लोगों की उम्मीदों पर जयराम खरे नही उतर पाए। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने पिछली सरकार की योजनाओं को ही आगे बढ़ाया। शिक्षा विभाग में कोई खास बजट का प्रावधान नहीं किया। न ही नए स्कुल- कॉलेज खोले गए । माकपा नेता और थियों कुमारसेन विधानसभा से विधायक राकेश सिंह ने हिमाचल प्रदेश सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदेश आज गम्भीर आर्थिक सनकत से गुजर रहा है। प्रदेश की रीड की कहे जाने वाले प्राईमरी सेक्टर के हाल बेहद खराब है। कृषि क्षेत्र के हालत देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदश में आज के वक्त में सात हजार करोड़ का बजट है जो प्रस्तुत किए गए बजट से कई गुना ज्यादा है। सरकार को इस पर चिंता ज़ाहिर करनी चाहिए। ये ही नहीं हिमाचल प्रदेश को ऋणों के मायाजाल से बहरा निकलने में रास्ता खोजना होगा और कृषि बागवानी क्षेत्र के साथ रोज़गार सृजन पर फोकस करना होगा।