Edited By Updated: 29 Oct, 2016 06:02 PM
भले ही आईपीएच विभाग लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने का दावा करता है लेकिन जिला के कई इलाकों में आईपीएच विभाग की लापरवाही किसी के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है।
कुल्लू: भले ही आईपीएच विभाग लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने का दावा करता है लेकिन जिला के कई इलाकों में आईपीएच विभाग की लापरवाही किसी के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। विभाग का एक ऐसा ही कारनामा जिला मुख्यालय से सटी खराहल घाटी के काईस से सटे शेयापानी स्थित प्राकृतिक जल स्रोत (जायरू) में देखने को मिल रहा है।
आईपीएच विभाग ने काफी समय पहले यहां पर पानी का टैंक तो बना दिया लेकिन अभी तक मुरम्मत करवाने की जहमत नहीं उठा रहा है। टैंक काफी पुराना होने से क्षतिग्रस्त हालत में है, जिस कारण प्राकृतिक जल स्रोत का पानी टैंक में स्टोर नहीं हो रहा है, ऐसे में लोगों को पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। विभाग ने लोगों को अधिक पानी सप्लाई करने के चक्कर में नाले का पानी डाइवर्ट कर पाइप द्वारा प्राकृतिक स्रोत में डाल दिया है, जिससे प्राकृतिक जल स्रोत दूषित होने की कगार पर है।
बता दें कि इस प्राकृतिक जल स्रोत के पानी की सप्लाई काईस तथा बिष्टबेहड़ इलाकों में होती है। नाले के पानी की सप्लाई से ग्रामीण मटमैला पानी पीने को मजबूर हंै। मटमैला पानी पीने से लोगों को जलजनित बीमारी फैलने की आशंका है। ग्रामीणों का कहना है कि आईपीएच विभाग की लापरवाही भारी पड़ सकती है। ग्रामीणों ने विभाग को चेताया है कि अगर नाले का पानी प्राकृतिक जल स्रोत से जल्द नहीं हटाया गया तो वे कुल्लू स्थित आईपीएच विभाग के उच्चाधिकारी का घेराव करेंगे।