Edited By Punjab Kesari, Updated: 27 Oct, 2017 01:05 PM
नामांकन वापसी के आखिरी दिन 41 निर्दलीय उम्मीदवारों के नाम वापिस लेने के बाद अब मैदान में 111 निर्दलीय डट गए हैं। इन निर्दलीय सीटों में 14 सीटें ऐसी हैं जहां पर कांग्रेस और बीजेपी के बागी किसी भी पार्टी का खेल खराब कर सकते हैं
शिमला: नामांकन वापसी के आखिरी दिन 41 निर्दलीय उम्मीदवारों के नाम वापिस लेने के बाद अब मैदान में 111 निर्दलीय डट गए हैं। इन निर्दलीय सीटों में 14 सीटें ऐसी हैं जहां पर कांग्रेस और बीजेपी के बागी किसी भी पार्टी का खेल खराब कर सकते हैं। ऐसे में दोनों ही प्रमुख पार्टियों के लिए बगावत का झंडा बुलंद करने वाले सिरदर्द साबित हो रहे हैं। आखिरी दिन दोनों ही पार्टियां अपनों का मनाने का प्रयास करती हैं मगर ज्यादा कामयाबी नहीं मिली। कुछ मान गए लेकिन ज्यादातर अपने अपने स्टैंड पर अड़े रहे। अब 9 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए कुल 348 प्रत्याशी मैदान में हैं। पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2012 में 459 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई।
कांग्रेस में कौन अड़ा?
सीट |
बागी |
कांग्रेस प्रत्याशी |
शिमला शहरी |
हरीश जनार्था |
हरभजन सिंह |
शाहपुर |
विजय सिंह मनकोटिया |
केवल सिंह पठानिया |
करसोग |
मस्त राम |
मनसा राम |
बड़सर |
सीताराम भारद्वाज |
आईडी लखनपाल |
रामपुर |
सिंघी राम |
नंद लाल |
नालागढ़ |
बाबा हरदीप सिंह |
लखविंदर सिंह राणा |
ऊना |
राजीव गौतम |
सतपाल रायजादा |
द्रंग |
पूर्ण चंद ठाकुर |
कौल सिंह ठाकुर |
पालमपुर |
बेनी प्रसाद |
आशीष बुटेल |
कुटलैहड़ |
शिवहरी पाल |
विवेक शर्मा |
लाहौल स्पीति |
राजेंद्र करपा |
रवि ठाकुर |
बिलासपुर |
बसंत राम |
बंबर ठाकुर |
भरमौर |
जनम सिंह |
ठाकुर सिंह भरमौरी |
ज्वालामुखी |
विजेंद्र कुमार |
संजय रत्न |
कांग्रेस में कौन माना?
सीट |
बागी |
कांग्रेस प्रत्याशी |
भोरंज |
प्रेम कौशल |
सुरेश कुमार |
बिलासपुर |
तिलक राज |
बंबर ठाकुर |
शिमला ग्रामीण |
खेम राज और देवेंद्र ठाकुर |
विक्रमादित्य सिंह |
कांगड़ा |
राज कुमार |
पवन काजल |
मनाली |
धर्मवीर धामी और प्रेम शर्मा |
हरिचंद शर्मा |
BJP के लिए ये बने आफत
सीट |
बागी |
BJP प्रत्याशी |
पालमपुर |
प्रवीण शर्मा |
इंदु गोस्वामी |
चंबा |
बीके चौहान |
पवन नैय्यर |
फतेहपुर |
राजन सुशांत |
कृपाल परमार |
रेणुका जी |
हृदया राम |
बलबीर चौहान |
हरोली |
रविंद्र मान |
राम कुमार |
भरमौर |
ललित ठाकुर |
जिया लाल |
कैसे समीकरण बिगाड़ सकते हैं आज़ाद
कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों के बागी हवा का रुख किसी भी तरफ मोड़ सकते हैं। इसका सीधा सबूत है 2012 का चुनाव। इस चुनाव में 152 आजाद उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे, जिनमें से सिर्फ 5 विधानसभा तक पहुंचने में कामयाब हुए लेकिन इनमें से कईयों ने जिताऊ उम्मीदवारों की कमर तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 17 सीटें ऐसी थी जिनमें बागियों ने 5000 से ज्यादा वोट लेकर पूरा समीकरण बदल कर रख दिया।
2012 में बागी जिन्होंने तोड़े 5000 से ज्यादा वोट
सीट |
बागी |
वोट |
चंबा |
राज सिंह |
10,813 |
भटियात |
भूपेंद्र कुमार |
9,870 |
ज्वाली |
संजय कुमार |
10,924 |
जयसिंहपुर |
रविंद्र धीमान |
8006 |
कांगड़ा |
डॉ राजेश शर्मा |
7966 |
मनाली |
धर्मवीर धामी |
14,346 |
आनी |
ईश्वर दास |
5172 |
करसोग |
मस्त राम |
11,000 |
नाचन |
दामोदर सिंह |
10,861 |
बल्ह |
महंत राम |
9023 |
गगरेट |
रमन कुमार |
5245 |
घुमारवीं |
राकेश कुमार |
6664 |
अर्की |
अमर चंद पाल |
10,477 |
दून |
परमजीत सिंह |
10,429 |
कसुम्पटी |
विजय ज्योति सेन |
6466 |
कुल्लू |
प्रेम लता ठाकुर |
7256 |
फतेहपुर |
सुधा सुशांत |
9335 |