Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Nov, 2017 03:07 PM
हिमाचल के शहरी क्षेत्रों में सेवन सीटर इलेक्ट्रिक बस की शुरूआत की जा रही है। एचआरटीसी के बेड़े में 50 बसें पहुंच गई हैं। इनको चलाने के लिए निगम ने इलेक्शन कमीशन से परमिट जारी करने की अनुमति मांगी है। अगर चुनाव आयोग इन्हें परमिट देने की अनुमति देता...
शिमला: हिमाचल के शहरी क्षेत्रों में सेवन सीटर इलेक्ट्रिक बस की शुरूआत की जा रही है। एचआरटीसी के बेड़े में 50 बसें पहुंच गई हैं। इनको चलाने के लिए निगम ने इलेक्शन कमीशन से परमिट जारी करने की अनुमति मांगी है। अगर चुनाव आयोग इन्हें परमिट देने की अनुमति देता है तो 5 से 6 बसें हर जिले को वितरित की जाएंगी। हिमाचल के शहरी इलाकों में सबसे पहले बस के चालक को टिकट काटने होंगे इसके बाद बस की रवानगी होगी। इनका रूट केवल पांच से 25 किलोमीटर तक तय किया गया है। इससे शहरी क्षेत्र में लग रहे बसों के जाम से भी निजात मिलने की संभावना है।
टैंपो ट्रैवलर की तरह हैं बसें
प्रदेश में चलने वाली टैंपो ट्रेवलर की तरह ही यह छोटी बसें हैं। बस के दाएं व बाएं किनारे में बैठने के लिए एक एक सीट है। बस के अंदर बड़ी बसों की तरह चलने के लिए खाली स्पेश भी है। प्रदेश के निगम ने आचार संहिता लागू होने से पूर्व ही बसों को प्रचेज करने की प्रक्रिया पूरी कर ली थी।
अगस्त में टेंडर किए थे कॉल
अगस्त महीने में इसके टेंडर कॉल कर दिए थे। अब जाकर हिमाचल में यह बसें आई हैं। परिवहन मंत्री जीएस बाली ने कहा कि एचआरटीसी में बसों की कमी है। निगम के पास 35 सौ से अधिक बसें हो गई हैं। इलेक्शन कमीशन से अनुमति मिलते ही इलेक्ट्रिक बसें प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में चलाई जानी हैं।
प्रदूषण रहित हैं ये बसें
एनजीटी के फरमानों को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार रोहतांग में इस तरह की बसें चलाने का विचार कर रही है। इसके चलते प्रदेश सरकार ने रोहतांग के अलावा प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी इलेक्ट्रिक बसें चलाने का मन बनाया हुआ है। इन बसों के लिए केंद्र ने हिमाचल सरकार के साथ 90:10 की रेसो से राशि दी है।
ग्रामीण इलाकों को पहुंचा सकती है बेहतर सुविधाएं
हिमाचल प्रदेश के दुर्गम और ग्रामीण क्षेत्र जहां कुछ ही बसें चलती हैं वहां ग्रामीणों को बस सुविधा का लाभ पूरे दिन लगातार मिल सकता है। इससे वहां के लोगों को सफर करने में आसानी होगी