Edited By Updated: 15 Nov, 2016 01:39 PM
बर्फ पर अठखेलियां करने के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है। ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के तहत चौड़ा करने का कार्य अगले वर्ष तक पूरा हो जाएगा।
शिमला: बर्फ पर अठखेलियां करने के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है। ऐतिहासिक आइस स्केटिंग रिंक को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के तहत चौड़ा करने का कार्य अगले वर्ष तक पूरा हो जाएगा। रिंक को चौड़ा करने का कार्य 10 प्रतिशत शेष बचा है। सर्दियां आने के चलते अब शेष कार्य आगामी मार्च माह में पुन: शुरू किया जाएगा। आइस स्केटिंग रिंक को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बनाने के लिए नियमों के तहत इसे चौड़ा करने का कार्य वर्ष 2014 से जारी है। पहले धनराशि की कमी के चलते वर्ष, 2015 में यह कार्य पूरा नहीं हो सका था। अब जब पर्याप्त धनराशि मिल चुकी है तो सर्दियों के बाद शेष कार्य को अगले वर्ष 2017 में शीघ्र पूरा कर दिया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक रिंक को चौड़ा करने के कार्य में करीब 50 लाख रुपए खर्च आएगा और इसमें अधिकतर राशि खर्च कर 90 प्रतिशत कार्य पूरा भी किया जा चुका है।
वर्तमान समय में यह मैदान अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर नहीं है जिस वजह से यहां पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर की आइस स्केटिंग स्पर्धाएं आयोजित नहीं होती हैं लेकिन आईस स्केटिंग रिंक के विस्तार के बाद यहां पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी। रिंक को चौड़ा करने का कार्य पूरा होने पर आइस स्केटिंग क्लब यहां पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर की आइस स्केटिंग प्रतियोगिताओं की मेजबानी हासिल करने का प्रयास करेगा। यह मैदान अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार कुछ छोटा था जिस वजह से यहां पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर की आइस स्केटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित नहीं की जा सकती थीं। इसके चलते रिंक को चौड़ा करने के लिए आईस स्केटिंग क्लब ने प्रस्ताव तैयार किया था। उल्लेखनीय है कि आइस स्केटिंग रिंक में हर वर्ष सर्दियों में आईस स्केटिंग की गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। इसके अलावा दिसम्बर व जनवरी माह में विभिन्न स्तरों की आइस स्केटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर के आइस स्केटिंग के प्रशिक्षण शिविर भी यहां लगाए जाते हैं।
रिंक में अभी भी प्राकृतिक तरीके से जमाई जाती है बर्फ की परत
शिमला में स्थित इस आइस स्केटिंग रिंक पर अभी भी प्राकृतिक तरीके से बर्फ की परत जमाने का कार्य किया जाता है। हर वर्ष सर्दियां शुरू होने पर नवम्बर माह के मध्य में यहां पर बर्फ की परत जमाने का कार्य शुरू होता है। हालांकि आइस स्केटिंग क्लब बीते कई वर्षों से यहां पर रैफ्रिजरेशन मशीनरी प्लांट लगाने के लिए विभिन्न स्तरों पर मुद्दा उठाता आ रहा है लेकिन अभी तक इस योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है।