सैंकड़ों साल पुराना CHC हुआ अनदेखी का शिकार, बैडों की संख्या भी घटी

Edited By Punjab Kesari, Updated: 21 Nov, 2017 07:00 PM

hundreds of years old chc victim of unseen  number of beds also decreased

हिमाचल के कांगड़ा जिला के सैंकड़ों वर्ष से अधिक पुराना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इंदौरा पिछले कई दशकों से राजनीतिक अनदेखी का शिकार होता आ रहा है।

इंदौरा (अजीज खादिम): हिमाचल के कांगड़ा जिला के सैंकड़ों वर्ष से अधिक पुराना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इंदौरा पिछले कई दशकों से राजनीतिक अनदेखी का शिकार होता आ रहा है। अब तक चुने गए विधायकों में से कोई भी इसे स्तरोन्नत करवाने में बिफल रहा है। 90,549 लोगों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान वाला यह सी.एच.सी. कागजों में तो 30 बैड का है लेकिन 1.21 करोड़ की लागत से बने उक्त सी.एच.सी. के नवनिर्मित भवन में केवल 10 बैड की व्यवस्था होना लोगों की समझ से परे है। यदि कांग्रेस नीत निवर्तमान सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे पाई है तो पूर्व में भाजपा सरकार के समय ही इसका 30 की अपेक्षा 10 बैड के भवन का शिलान्यास किया गया था।

100 से अधिक वर्ष पुराना है अस्पताल
उल्लेखनीय है कि इंदौरा का यह अस्पताल 100 से भी अधिक वर्ष पुराना है और प्रदेश के सबसे पुराने अस्पतालों में पहली कतार में है। इसे लगभग 1910-12 में प्रसिद्ध समाजसेवी रायबहादुर चौधरी मल्हा सिंह ने अपनी माता गुलाब देवी की याद में बनवाया था लेकिन इतने साल होने के बावजूद इसे स्तरोन्नत करना तो दूर, उल्टा इसे 30 से 10 बैड का कर दिया गया। वहीं उक्त अस्पताल के दशकों बाद अस्तित्व में आए स्वास्थ्य केंद्रों को सिविल अस्पताल तक का दर्जा मिल चुका है लेकिन इंदौरा के इस अस्पताल की अनदेखी होती रही है।

नाममात्र की मिल रहीं सुविधाएं 
यहां किस स्तर की लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती होंगी, इस बात का अनुमान यहां रिक्त पड़े पदों से लगाया जा सकता है। यहां रेडियोग्राफर का पद पिछले 10 सालों से अधिक अर्से से रिक्त पड़ा है और एक्स-रे मशीन जंग खा रही है, ऐसे में एक्स-रे करवाने के लिए लोगों को या तो महंगे दामों पर प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ता है या 50 से 70 किलोमीटर का सफर कर नूरपुर जाना पड़ता है। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सी.एच.सी. में रिक्त पड़े हैं 30 पद
सरकार की उदासीनता का आलम यह है कि इंदौरा सी.एच.सी. के अंतर्गत कुल 30 पद रिक्त पड़े हैं। विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक यहां चिकित्सा अधिकारी के 2 पद, रेडियोग्राफर का 1 पद, लैब टैक्निशियन का 1 पद, मेल हैल्थ वर्कर्स के 14 पद, हैल्थ एजुकेटर का 1 पद, फीमेल हैल्थ वर्कर का 1 पद, फीमेल हैल्थ सुपरवाइजर का 1 पद, मेल हैल्थ सुपरवाइजर का 1 पद, वार्ड ब्वाय के 2 पद रिक्त व प्रशिक्षित दाई के 2 पदों के साथ खंड चिकित्सा अधिकारी के ड्राइवर तक का पद खाली पड़ा है। यहां सफाई व्यवस्था कैसी होगी इसका अनुमान भी स्वीपर के रिक्त पड़े 3 पदों से लगाया जा सकता है। यही नहीं, यहां से 108 एंबुलैंस सुविधा को भी गंगथ में शिफ्ट कर दिया गया जबकि 102 एंबुलैंस सेवा भी नहीं है लेकिन सरकार ने इस तरफ कोई भी ध्यान नहीं दिया है।

क्या कहते हैं खंड चिकित्सा अधिकारी 
खंड चिकित्सा अधिकारी इंदौरा  डा. कपिल शर्मा ने बताया कि 102 या 108 सेवा हमारे नियंत्रण में नहीं होती, जहां तक रिक्त पदों का प्रश्न है तो रिक्त पद तो सरकारी प्रक्रिया के तहत भरे जाते हैं। हम फिर भी अपने मरीजों को यथासंभव सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। 

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