Edited By Punjab Kesari, Updated: 26 May, 2017 11:07 AM
प्रदेश में सरकार भाजपा की भी रही फिर अब कांग्रेस की है लेकिन यहां की जनता स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर शुरू से ...
भोरंज : प्रदेश में सरकार भाजपा की भी रही फिर अब कांग्रेस की है लेकिन यहां की जनता स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर शुरू से ही ठगी जाती रही है। उपमंडल भोरंज का एकमात्र सिविल अस्पताल भोरंज अस्पताल एक समस्याएं अनेक होने की वजह से अपने ही मौजूदा हालात व दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। प्रदेश सरकार ने इस अस्पताल को वर्षों पहले सी.एच.सी. से बढ़ाकर सिविल अस्पताल का दर्जा भी दे दिया है जोकि 4 साल बीतने पर कागजों व अस्पताल के मुख्य द्वार पर लगाए गए बोर्ड तक ही सीमित होकर रह गया है क्योंकि अस्पताल में दर्जे के अनुसार न तो किसी विशेषज्ञ की तैनाती हुई है और न ही नए भवन के निर्माण की घोषणा, जहां रोगियों को दर्जे के अनुसार सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकें। करीब 32 वर्ष पहले सी.एच.सी. की तर्ज पर बनाए गए इस अस्पताल में 30 बिस्तरों की सुविधा थी, जिसमें 10 बिस्तर महिला, 10 बिस्तर पुरुष व 10 अन्य रोगियों के लिए उपलब्ध करवाए गए थे लेकिन मौजूदा हालात ये हैं कि 10 के स्थान पर 7 ही पुरुष रोगियों को अस्पताल में बिस्तर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
अस्पताल में नहीं हैं एमरजैंसी रूम भी उपलब्ध
मेल वार्ड को प्रसूति कक्ष व नवजात शिशु कक्ष में तबदील कर दिया है व प्रसूति कक्ष के कमरे जोकि पहले की तुलना में कम आकार में है, में पुरुष रोगियों को दाखिल करने के दौरान उपचार किया जाता है। इतना ही नहीं, अस्पताल में एमरजैंसी रूम भी उपलब्ध नहीं है, यहां आने वाले गंभीर रूप से बीमार व दुर्घटना में घायलों का इलाज वर्षों से बरामदे में पड़ी स्ट्रेचर व बैंचों पर ही खुले में किया जाता है या फिर ड्यूटी टाइम में पर्ची कक्ष के कमरे में रखी अलमारियों इत्यादि से किए गए पार्टीशन में चोट के दौरान दर्द से चिल्ला रहे रोगियों का इलाज वर्षों से जुगाड़ वाली जगह पर ही किया जा रहा है।