Edited By Punjab Kesari, Updated: 08 Jan, 2018 01:55 AM
पाकिस्तान से आयात किए जा रहे सिंधु नमक को अब हिमाचल प्रदेश के मंडी से निकलने वाला नमक मात देने जा रहा है।
द्रंग (मंडी): पाकिस्तान से आयात किए जा रहे सिंधु नमक को अब हिमाचल प्रदेश के मंडी से निकलने वाला नमक मात देने जा रहा है। कभी तिब्बत और नेपाल तक सप्लाई होने वाला यहां का चट्टानी नमक जल्द मार्कीट में उपलब्ध होगा, जिससे जहां देशवासी अपनी मिट्टी का नमक प्रयोग में लाएंगे, वहीं इस कारखाने से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। द्रं्रग व गुम्मा की पहाडिय़ों से निकलने वाले इस नमक के करीब 8 वर्ष बाद मिलने से पशुपालक व भेड़पालक काफी खुश हैं। एशिया में इस वक्त केवल पाकिस्तान और नेपाल में ही चट्टानी नमक निकल रहा है, जो मवेशियों को खिलाने के अलावा औषधियों में भी प्रयोग किया जाता है, लेकिन हिमाचल प्रदेश के गुम्मा और दं्रग की पहाडिय़ों के अंदर से निकलने वाला नमक इन दोनों देशों से निकलने वाले नमक से ज्यादा गुणकारी और औषधीय गुणों से भरपूर है।
2011 से बंद हो गया था यहां उत्पादन
वर्ष 2011 से यहां नमक उत्पादन बंद हो गया था और प्रदेश सरकार की लापरवाही से यह कारखाना खंडहर में तबदील हो गया था। जोगिंद्रगर से संबंध रखने वाले भाजपा नेता राम स्वरूप शर्मा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में इसे अपने चुनावी एजैंडे में शामिल कर लोगों को आश्वासन दिया था कि वे संसद पहुंचकर भारत सरकार से इस मसले को उठाएंगे और लोगों को पशुओं के लिए चट्टानी नमक जल्द उपलब्ध हो जाएगा। चुनाव जीतकर भाजपा सांसद राम स्वरूप शर्मा ने दिल्ली में इस कार्य को सिरे चढ़ाने के लिए हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड के अधिकारियों से संपर्क साधा और घाटे में चल रहे हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड को वित्तीय मदद दिलाकर इसे चलाने में आ रही दिक्कतों को हल करने का खाका तैयार किया।
300 करोड़ से लगेगा नमक तैयार करने का कारखाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुहिम को सराहा और उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। इसके बाद भारत सरकार के एक पत्र पर हिमाचल की पूर्व वीरभद्र सरकार ने तुरंत उद्योग विभाग के नाम से हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड को जमीन उपलब्ध करवा दी और हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड ने एक सर्वे के बाद यहां चट्टानी नमक के अलावा 300 करोड़ की लागत से सॉल्यूशन माइन आधारित खाने का नमक तैयार करने के कारखाने की भी संभावनाएं तलाशीं और अब यहां भाजपा सांसद राम स्वरूप शर्मा के प्रयासों से 300 करोड़ की लागत से यह कारखाना भी मैगल में लगने जा रहा है, जबकि चट्टानी नमक निकालने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
60 मिलियन मीट्रिक टन है यहां पर नमक
हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड प्रबंधन का मानना है कि यहां 60 मिलियन मीट्रिक टन नमक रिजर्व है, जो द्रंग के मैगल से लेकर जोगिंद्रनगर के गुम्मा तक फैला है। यहां पूरी दुनिया में सबसे उम्दा किस्म का नमक निकलेगा, जो न केवल औषधीय गुणों से भरपूर है, बल्कि पशुओं के लिए भी गुणकारी है। इसे खिलाने से पशु चारा खाने में रुचि दिखाता है, जबकि पिछले कुछ समय से यह नमक देश में न मिलने से पशुपालक व भेड़पालक परेशान हैं। एशिया में केवल पाकिस्तान और नेपाल के बाद हिमाचल के द्रंग में ही चट्टानी नमक मिलता है जबकि दुनिया में केवल स्विट्जरलैंड व हॉलैंड में चट्टानी नमक पाया जाता है।
28 मीटर तक बन चुकी है टनल
इस कार्य में हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड रात-दिन एक कर चट्टानी नमक निकालने में जुटी है, जिसके लिए द्रंग में 2 खानों की खुदाई कर नमक तक पहुंच बनाई जा चुकी है। यहां 28 मीटर तक टनल बनाई जा चुकी है और नमक निकलना शुरू हो गया है, जबकि टनल अभी 7 मीटर और बनना बाकी है। चट्टानी नमक खान से बाहर निकालने के लिए ट्रॉली भी बनाई जा चुकी है और ट्रक खान गेट के बाहर लगाने के लिए स्थान बनाए जा चुके हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि बहुत जल्द यहां से नमक की सप्लाई शुरू हो जाएगी।