हिमाचल ने BBMB से मांगा बकाया एरियर, पढ़ें पूरा मामला

Edited By Punjab Kesari, Updated: 16 Jan, 2018 11:35 AM

himachal wants arrear from bbmb

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) में हिमाचल की हिस्सेदारी का जल्द भुगतान करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने यह बात सोमवार को प्रदेश सचिवालय में बी.बी.एम.बी. के चेयरमैन डी.के. शर्मा के साथ आयोजित बैठक के दौरान कही।

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) में हिमाचल की हिस्सेदारी का जल्द भुगतान करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने यह बात सोमवार को प्रदेश सचिवालय में बी.बी.एम.बी. के चेयरमैन डी.के. शर्मा के साथ आयोजित बैठकके दौरान कही। जयराम ने बी.बी.एम.बी. में बिजली की हिस्सेदारी, हिमाचल के हित सुरक्षित रखने और पुरानी बकाया राशि के भुगतान को लेकर बात की। जवाब में चेयरमैन ने बताया कि 27 सितम्बर, 2011 के बाद से 7.19 फीसदी की दर से बिजली दी जा रही है। इससे पहले की हिस्सेदारी का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। वह इसे अपने स्तर पर नहीं दे पाएगा। 


सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार का फैसला आने के बाद इसे लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बी.बी.एम.बी. से ट्रांसमिशन लॉस को भी कम करने की बात कही। वर्तमान में ट्रांसमिशन पर ज्यादा खर्च आने की वजह से हिमाचल को नुक्सान हो रहा है। इस पर बी.बी.एम.बी. ने ट्रांसमिशन लॉस को कम करने का भरोसा दिलाया। उल्लेखनीय है कि उन्होंने इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार की तरफ से कोर्ट में 29-7-2013 व 7-10-2013 को हल्फनामे दायर किए गए हैं। इस दावे में हिमाचल की हिस्सेदारी चक्रवृद्धि ब्याज सहित 3996.97 करोड़ रुपए दर्शाई गई है। कोर्ट ने भी 27-9-2011 को हिमाचल के पक्ष में फैसला दिया और बी.बी.एम.बी. की तरफ से परिचालित विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की हिस्सेदारी 7.19 फीसदी तय की। यह हिस्सेदारी 27 सितम्बर 2011 से प्रदेश को मिलनी शुरू हो गई है लेकिन हिमाचल 2011 से पहले का एरियर चुकाने की मांग कर रहा है। केंद्र की तरफ से हिमाचल प्रदेश को 7.19 फीसदी हिस्सेदारी के लिए विभिन्न दरों पर गणना करते हुए एन.एफ.एल. रेट के आधार पर कोर्ट में 5-7-2013 को हल्फनामा दिया गया।


इसमें हिमाचल का कुल हक 1497.39 करोड़ रुपए (साधारण ब्याज) तथा 1525.62 करोड़ रुपए (चक्रवृद्धि ब्याज) आंका गया है। इस हल्फनामे के उत्तर में हिमाचल प्रदेश सरकार ने असहमति प्रकट करते हुए बी.टी.पी.एस. दर जोकि एन.एफ.एल. की दर से उच्च है, पर धनराशि की गणना को मानने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपना हल्फनामा दायर कर 3996.97 करोड़ रुपए चक्रवृद्धि सहित का दावा किया है। बी.बी.एम.बी. मामले को सत्ता में रही सरकारें कई बार विभिन्न मंचों पर उठा चुकी हैं। मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन के अलावा उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में भी यह मामला गूंज चुका है, वहीं प्रदेश सरकार एरियर वसूली के लिए नए फॉर्मूले पर भी विचार कर रही है। इस फॉर्मूले के तहत बी.बी.एम.बी. से पैसा लेने की बजाय आगामी कुछ सालों तक बिजली ही ली जा सकती है। 


मुख्यमंत्री से मिला हॉटी समुदाय
शिमला से सांसद वीरेंद्र कश्यप की अध्यक्षता में शिलाई क्षेत्र के हॉटी समुदाय का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं और जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देने की मांग को लेकर भी मुख्यमंत्री से चर्चा की। हालांकि यह मामला पहले से ही केंद्र के विचाराधीन है।

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