1000 करोड़ का नया कर्ज लेगी हिमाचल सरकार, जानिए क्यों

Edited By Updated: 22 Jan, 2017 08:53 AM

himachal government will 1 000 crore loan  know why

हजारों करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी हिमाचल सरकार ने चुनावी वर्ष में...

शिमला: हजारों करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी हिमाचल सरकार ने चुनावी वर्ष में कर्मचारियों और पेंशनरों को लुभाने के लिए फिर से 1000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने का फैसला लिया है। इस संबंध में हिमाचल सरकार ने शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी। धर्मशाला को राज्य की दूसरी राजधानी घोषित करने से सरकार के खर्चों में बढ़ौतरी होगी, ऐसे में स्थिति को भांपते हुए राज्य सरकार ने 1,000 करोड़ रुपए का ऋण लेने का निर्णय लिया है। सरकार ने इस राशि को विकास कार्य पर खर्च करने की बात कही है। सरकारी स्तर पर यह ऋण 10 साल की अवधि के लिए लिया जाएगा। इस तरह राज्य सरकार पर अब करीब 36,000 करोड़ रुपए का कर्ज हो जाएगा। बता दें कि सरकार के आय-व्यय में अंतर है, ऐसे में इस अंतर की खाई को पाटने के लिए सरकार विभिन्न एजैंसियों से ऋण उठा रही है। हालांकि हिमाचल प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से उसे केंद्र से 90:10 के अनुपात से वित्तीय मदद मिल रही है। इससे पहले भी राज्य सरकार ने अक्तूबर, 2016 में 700 करोड़ रुपए का ऋण लिया था। 

3 साल में लिए 11,044.44 करोड़ 
राज्य सरकार ने 3 साल में 7 से 13 फीसदी की दर से फरवरी, 2016 तक 11,044.44 करोड़ रुपए का कर्ज विभिन्न संस्थाओं से लिया है। इसमें से राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम से 73.27 करोड़ रुपए 11 से 13 फीसदी ब्याज दर पर लिया है। जानकारी के अनुसार वर्ष, 2013-14, वर्ष, 2014-15 व वर्ष, 2015-16 में सरकार ने 4454.83 करोड़ रुपए का कर्ज वापस भी किया है। आर.बी.आई. के जरिए बाजार से सरकार ने 7,162 करोड़ रुपए 7.62 से 9.75 फीसदी ब्याज दर पर, नाबार्ड से 1,200 करोड़ रुपए 6.25 से 8.75 फीसदी ब्याज दर पर कर्ज लिया है, साथ ही राष्ट्रीय लघु बचत निधि से 2366.35 करोड़ रुपए 9.50 फीसदी ब्याज दर पर उठाए गए हैं। एन.सी.डी.सी. से सरकार ने सबसे ज्यादा ब्याज दर पर कर्ज उठाया। हालांकि यह 73.27 करोड़ रुपए ही है लेकिन इसे 11.40 से लेकर 13 फीसदी ब्याज दर पर उठाया गया। सरकार ने भारत सरकार से भी शून्य से लेकर 9 फीसदी दर पर 242.82 करोड़ रुपए बतौर कर्ज उठाया गया है। 

विकास के लिए 100 में से 40.86 रुपए
कर्ज लेने के बावजूद राज्य सरकार विकास कार्य के लिए 100 रुपए में से 40.86 रुपए ही व्यय कर पा रही है। कर्ज का बोझ राज्य पर इस कद्र बढ़ गया है कि इसको चुकाने के लिए 100 रुपए में से 10.43 रुपए ब्याज अदायगी और 100 रुपए में से 6.84 रुपए ऋण अदायगी पर व्यय करने पड़ रहे हैं। इसी तरह बजट का बड़ा हिस्सा अधिकारी व कर्मचारियों के वेतन और पैंशन पर व्यय होता है। इसमें वेतन पर 100 रुपए में से 28.98 रुपए और पैंशन पर 100 रुपए में से 12.89 रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!