Edited By Punjab Kesari, Updated: 21 Jan, 2018 12:06 AM
राज्य सरकार ने अवैध तरीके से काम कर रहे स्टोन क्रशरों पर शिकंजा कसने का निर्णय लिया है।
शिमला: राज्य सरकार ने अवैध तरीके से काम कर रहे स्टोन क्रशरों पर शिकंजा कसने का निर्णय लिया है। इसके तहत यदि कोई स्टोन क्रशर मालिक अपने दायरे के बाहर राष्ट्रीय उच्च मार्ग और राज्य मार्ग सहित अन्य संपर्क सड़कों पर निर्माण सामग्री को गिराता है तो उस पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसी तरह से यदि कोई स्टोन क्रशर की आड़ में अवैध खनन करता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार के पास ऐसी शिकायतें मिली हैं कि कुछ लोग स्टोन क्रशर की आड़ में सड़क पर निर्माण सामग्री गिराने के लिए दूसरी जगह से भी खनन कर रहे हैं। इस शिकायत के बाद प्रदेश सरकार ने स्टोन क्रशरों सहित अवैध खनन की अन्य गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी है, जिसमें पुलिस का सहयोग लिया जा रहा है। सरकार यह भी देख रही है कि यदि कोई स्टोन क्रशर नियमों के तहत उचित दूरी पर नहीं लगा है तो उसे भी देखा जाएगा। किसी व्यक्ति की कृषि योग्य भूमि, घासनी या वन क्षेत्र को नुक्सान होने पर भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
इन्वायरन्मैंट क्लीयरैंस संबंधी मामला सुलझेगा
जानकारी के अनुसार सरकार यह सुनिश्चित करने की तैयारी कर रही है कि खनन के लिए समय रहते इन्वायरन्मैंट क्लीयरैंस मिले ताकि लोगों को निर्माण सामग्री प्राप्त करने में परेशानी न आए। इसके लिए किसी एजैंसी की सेवाएं भी ली जा सकती हैं, जिसके जिम्मे इन्वायरन्मैंट क्लीयरैंस लेने का काम सौंपा जाएगा। क्लीयरैंस मिलने के बाद वैज्ञानिक तरीके से खनन को तरजीह दी जाएगी और नीलामी प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राज्य में इस समय करीब 250 से ज्यादा क्रशर हैं। इनमें से कई के पास इन्वायरन्मैंट क्लीयरैंस नहीं मिली है। हालांकि इसके लिए कमेटियों का गठन भी किया गया है लेकिन इसके बावजूद मामला सिरे नहीं चढ़ पाया है।
अवैध गतिविधियों पर कड़ी है नजर : बिक्रम सिंह
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह का कहना है कि स्टोन क्रशर हो या फिर खनन का मामला उस पर पूरी निगरानी रखी जा रही है। जो भी व्यक्ति अवैध तौर पर खनन करेगा उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यदि स्टोन क्रशर मालिक नियमों को तोड़ेंगे तो उनको भी इसका हर्जाना भुगतना पड़ेगा।