Edited By Punjab Kesari, Updated: 15 Nov, 2017 08:12 PM
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस एक्शन के मूड में नजर आ रही है। बुधवार को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने विधानसभा चुनाव में अनुशासनहीनता व पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ गुप्त तरीके विरोधी कार्रवाई करने के चलते 23 सदस्यों को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया...
शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस एक्शन के मूड में नजर आ रही है। बुधवार को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने विधानसभा चुनाव में अनुशासनहीनता व पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ गुप्त तरीके से विरोधी कार्रवाई करने के चलते 23 सदस्यों को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी और कांग्रेस प्रत्याशी के अनुमोधन पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने यह फरमान जारी किए हैं। इसके साथ ही उनकी प्राथमिक सदस्यता को 6 साल के लिए रद्द कर दिया है।
इन्हें दिखाया बाहर का रास्ता
कांग्रेस ने पार्टी विरोधी काम पर सुख राम, विधानसभा क्षेत्र बैजनाथ,इंद्र नंदा, विधानसभा क्षेत्र बैजनाथ,होंसर राम, विधानसभा क्षेत्र बैजनाथ,विलायती राणा, विधानसभा क्षेत्र बैजनाथ अनिल कुमार शर्मा, विधानसभा क्षेत्र सरकाघाट, यदोपति ठाकुर, विधानसभा क्षेत्र सरकाघाट, अर्जुन, विधानसभा क्षेत्र सरकाघाट, सुधीर सिंह, कटोच विधानसभा क्षेत्र इंदौरा, मलेन्द्र राजन, विधानसभा क्षेत्र इंदौरा, सुरेंद्र पाल शर्मा, विधानसभा क्षेत्र इंदौरा, सुरेश तुली, विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला, राकेश चौधरी, विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला, अनूज कश्यप, विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला, संजय डोगरा, विधानसभा क्षेत्र नाचन, दामोदर दास, चौहान विधानसभा क्षेत्र नाचन, नरेश चौहान, विधानसभा क्षेत्र नाचन प्रिंस शर्मा, विधानसभा क्षेत्र नालागढ़, मती राज रानी, विधानसभा क्षेत्र नालागढ,केवल कृष्ण भारद्वाज विधानसभा क्षेत्र नालागढ, उजागर चौधरी, विधानसभा क्षेत्र नालागढ़, कर्ण सिंह परमार, विधानसभा क्षेत्र शाहपुर, बलबीर चौधरी, विधानसभा क्षेत्र शाहपुर, गगन सिंह, विधानसभा क्षेत्र शाहपुर को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है।
कांग्रेस ने चुनाव खत्म होते ही शुरू कर दी थी कार्रवाई
गौरतलब है कि नौ नवंबर को विधानसभा चुनाव खत्म होने के बार भाजपा और कांग्रेस पार्टी ने पार्टियों को खोखला करने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं पर कार्रवाई शुरू कर दी है। पार्टी विरोधी कार्रवाई पर कांग्रेस पार्टी एक्शन मूड में नजर आ रही है। जैसे ही विधानसभा चुनाव संपन्न हुए कांग्रेस ने सबसे पहले अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया। वहीं इसके बाद भाजपा ने भी उनके कैंडिडेट को कमजोर करने वाले भाजपा नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।