हिमाचल की 37 बेटियों ने हासिल की सफलता, पहली बार बनीं कमांडो

Edited By Updated: 24 Jan, 2017 12:11 PM

himachal 37 daughters became the first commando

हिमाचल की बेटियां किसी से कम नहीं है। यह साबित किया इन 37 बेटियों नो, जो आज पहली बार कमांडो बनी हैं।

संतोषगढ़ (ऊना): हिमाचल की बेटियां किसी से कम नहीं है। यह साबित किया इन 37 बेटियों नो, जो आज पहली बार कमांडो बनी हैं। धर्मशाला रेंज के आई.जी. जी.डी. भार्गव ने कमांडो से कहा कि उनका चयन उनकी मेहनत, लगन एवं अनुशासन के दम पर हुआ है। कड़ी ट्रेनिंग के बाद पहली बार कमांडो बने पुलिस कर्मियों जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, उनको बधाई देते हुए जी.डी. भार्गव ने कहा कि यह गर्व का विषय है, महिलाएं भी किसी बात में पीछे नहीं हैं। कमांडो को उन बेहद कठिन कार्यों के लिए लगाया जाता है, जहां लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कमांडो के बाद कोई भी बहाना नहीं होता।


37 महिलाएं, 39 पुरुषों ने ली ट्रेनिंग
कमांडो जोश एवं होश के साथ उस कार्य को अंजाम देता है क्योंकि वह न तो अति भावुक होता है, और न अति उत्साहित। कुल 76 कमांडो में 37 महिलाएं, 39 पुरुषों ने ट्रेनिंग ली। सोमवार को प्रथम भारतीय आरक्षित वाहनी बनगढ़ परिसर में आयोजित कार्यक्रम में आई.जी. जी.डी. भार्गव ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। 11 सप्ताह की कमांडो ट्रेनिंग में आई.आर.बी. बनगढ़ द्वितीय वाहनी सकोह, तृतीय वाहनी पंडोह व प्रथम एच.पी.ए.पी. जुंग्गा से आए प्रशिक्षुओं ने ट्रेेनिंग लेकर खुद इस काबिल बनाया कि वे अब देश के किसी भी हिस्से में सेवाएं दे सकते हैं। आई.टी.बी.पी. से आए प्रशिक्षकों निरीक्षक रमेश चंद, टेक चंद, मुख्य आरक्षी सुरेंद्र कुमार, गौतम प्रशाद व पंकज कुमार ने प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित करने में मुख्य भूमिका निभाई। 

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