यहां 6 विद्यार्थियों वाले स्कूल में बन रही 71 लाख की साइंस लैब

Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Mar, 2018 01:26 AM

here made science lab of 71 lakhs for 6 students

इसे धन की बर्बादी कहें या फिर प्रशासन पर शासन की धौंस, जिसके चलते 6 बच्चों वाले एक सरकारी स्कूल में 71 लाख रुपए की साइंस लैब बनाई जा रही है।

हमीरपुर: इसे धन की बर्बादी कहें या फिर प्रशासन पर शासन की धौंस, जिसके चलते 6 बच्चों वाले एक सरकारी स्कूल में 71 लाख रुपए की साइंस लैब बनाई जा रही है। वहीं उसके साथ लगते एक पुराने स्कूल, जिसमें 60 बच्चे साइंस की पढ़ाई करते हैं, उसके लिए अब तक किसी ने कोई प्रपोजल भी नहीं भेजी है। यह मामला जिला हमीरपुर के सुजानपुर विस क्षेत्र का है, जहां सीनियर सैकेंडरी स्कूल पौहुंज में जमा एक व दो में साइंस के कुल 3-3 बच्चे हैं, उस स्कूल में 71 लाख रुपए की साइंस लैब के लिए तत्कालीन प्रदेश सरकार ने 2 जुलाई, 2017 को स्वीकृत प्रदान कर दी लेकिन उसी स्कूल के समीप वर्षों पुराने सीनियर सैकेंडरी स्कूल ऊहल, जिसमें साइंस के जमा एक व दो में 60 बच्चे हैं, उसके लिए अभी तक साइंस लैब बनाना तो दूर की बात है, उस स्कूल में साइंस लैब बनाने की प्रपोजल तक नहीं गई है। ऐसे में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कैसे शिक्षा का स्तर सुधर सकता है। 

साइंस लैब के निर्माण पर खड़ा हुआ विवाद 
वहीं पौहुंज स्कूल में बन रही साइंस लैब का निर्माण कार्य चुनावों से पहले ऐसी तीव्र गति से शुरू करवाने की कोशिश की गई कि शिक्षा व लोक निर्माण विभाग यह भी भूल गया कि क्या इस स्कूल में साइंस लैब बनाने की औपचारिकताएं पूर्ण भी हैं या नहीं। वहीं 23 अगस्त, 2017 को इस साइंस लैब के टैंडर हो गए और अब इस साइंस लैब का निर्माण संबंधित ठेकेदार ने शुरू किया है, तो उस पर भी विवाद खड़ा हो गया है। स्कूल प्रबंधन समिति साइंस लैब का निर्माण स्कूल मैदान से बाहर व सड़क के साथ करवाना चाहती है, जबकि संबंधित ठेकेदार द्वारा साइंस लैब का निर्माण कहीं और किया जा रहा है।

जहां ज्यादा जरूरत, वहां बने साइंस लैब 
अब स्थानीय लोगों ने पौहुंज स्कूल में साइंस लैब के निर्माण कार्य पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पौहुंज स्कूल वर्ष 2003 में सीनियर सैकेंडरी हुआ, जबकि ऊहल स्कूल वर्ष 1998 में अपग्रेड हुआ था। साइंस लैब के लिए प्राथमिकता ऐसे स्कूल को देनी चाहिए थी, जहां पर बच्चे अधिक हैं। स्थानीय लोगों वीरेंद्र ठाकुर, सुभाष चंद, सुखदेव ठाकुर व शेर सिंह ठाकुर सहित अन्यों ने सरकार से मांग की है कि सरकारी धन का दुरुपयोग न हो और जहां जिस चीज की ज्यादा जरूरत है, वह चीज वहां बनाई जाए। 

स्वीकृती के समय ज्यादा थी बच्चों की संख्या
पौहुंज स्कूल की प्रधानाचार्य उर्मिला सागर ने बताया कि वर्तमान में स्कूल में जमा एक व दो कक्षा में 3-3 बच्चे हैं, लेकिन जिस समय साइंस लैब स्वीकृत हुई थी, उस समय बच्चे ज्यादा थे। स्कूल प्रबंधन समिति साइंस लैब को खेल मैदान से थोड़ा पीछे बनाना चाहती है लेकिन संबंधित ठेकेदार ने साइंस लैब का निर्माण अपनी मर्जी से दूसरी जगह शुरू कर दिया है, जिसके बारे में संबंधित विभाग को एक प्रस्ताव भेजा गया है।   

ठेकेदार को निर्माण कार्य बंद करने के आदेश 
पी.डब्ल्यू.डी. मंडल टौणीदेवी के अधिकारी पी.पी. सिंह ने बताया कि पौहुंज स्कूल में साइंस लैब का निर्माण स्कूल प्रबंधन समिति की सहमति से ही शुरू किया गया था, लेकिन अब उन्हें उस पर आपत्ति है। इसलिए संबंधित ठेकेदार को फिलहाल निर्माण कार्य बंद करने के आदेश दिए हैं।  
 

विभाग की ओर से नहीं गई कोई भी डिमांड 
उपनिदेशक, उच्च शिक्षा हमीरपुर सोमदत्त सांख्यान ने बताया कि  विभाग की ओर से कोई भी डिमांड नहीं गई थी तथा तत्कालीन सरकार ने ही पौहुंज स्कूल में साइंस लैब के लिए बजट का प्रावधान किया था। साइंस लैब निर्माण में कुछ विवाद सामने आया है तथा इस मामले में खुद मौके पर जाएंगे।

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