यहां नहीं थम रहा बर्फबारी का 'तांडव', अब जरूरी चीज़ें मिलना हुआ मुश्किल

Edited By Updated: 19 Jan, 2017 03:48 PM

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चंबा में बर्फबारी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में जिला के लोग मौसम के इस कड़े रुख को लेकर अब परेशान होने लगे हैं।

चंबा: चंबा में बर्फबारी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में जिला के लोग मौसम के इस कड़े रुख को लेकर अब परेशान होने लगे हैं। पिछले करीब 10 दिनों से जिला के विभिन्न क्षेत्र सड़क सुविधा से कटे हुए हैं। इस स्थिति में प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को अब रोजमर्रा की वस्तुओं को लेकर दिक्कतें पेश आने लगी हैं। बुधवार को भी जिला के विभिन्न उपमंडलों में बर्फबारी जमकर हुई। ऐसे क्षेत्रों में जनजीवन पटरी पर लौटने का नाम नहीं ले रहा है। जानकारी के अनुसार जिला चम्बा के चुराह, सलूणी, भरमौर व डलहौजी उपमंडलों के कई क्षेत्रों में बिजली, पानी व सड़क की सुविधा बाधित रही। 


गैस आपूर्ति न होने से लोग परेशान 
बर्फबारी के कारण अब सबसे अधिक परेशानी लोगों को रसोई गैस की पेश आने लगी है। जानकारी के अनुसार डलहौजी उपमंडल के मुख्यालय के साथ लगते गांव के साथ सलूणी, चम्बा, तीसा व पांगी उपमंडलों के गांवों के लोगों को भी गैस आपूर्ति व्यवस्था के ठप्प होने के चलते दिक्कतें पेश आने लगी हैं। पांगी घाटी की पंचायत सुराल के उपप्रधान कुलदीप धत्वानी ने बताया कि उनकी पंचायत के 5 वार्ड हैं, जिनकी जनसंख्या 1,000 से अधिक है। उन्होंने बताया कि पिछले करीब 2 सप्ताह से उनकी पंचायत का सड़क संपर्क पूरी तरह से कटा हुआ है। घाटी मुख्यालय किलाड़ से इस पंचायत को जोड़ने वाली सड़क पर 1 फुट बर्फ पड़ी हुई है। ऐसे में पंचायत की रसोई गैस की आपूर्ति पूरी तरह से ठप्प पड़ी हुई है।


कई क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्थाएं प्रभावित
इस समस्या से परेशान लोगों ने पांगी प्रशासन से इस बारे में बात की लेकिन प्रशासन ने अभी तक इस पंचायत को जोडऩे वाली सड़क को वाहनों की आवाजाही के लिए खोलने में कोई रुचि नहीं दिखाई है। उपप्रधान का कहना है कि हैरानी की बात है कि पांगी प्रशासन हाथ पर हाथ धरे हुए बैठा हुआ है। इसी प्रकार से चुराह उपमंडल के टेपा, मंगली, सनवाल, देहरा व चरोड़ी तथा सलूणी उपमंडल के दायरे में आने वाली किलाड़, किहार, संघणी, आयल व बणंतर पंचायतों में रहने वाले लोगों को भी इस प्रकार की मुसीबत से रू-ब-रू होना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो लोगों के घरों में मौजूद राशन समाप्त होने पर उन्हें अपने क्षेत्र या स्थानीय बाजार तक जाने में भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ेगा। जिला के कई क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं। 


दर्जनों पंचायतें अंधेरे में डूबीं
बोर्ड की वार्षिक परीक्षाओं की डेटशीट जारी हो गई है लेकिन जिला की कई पंचायतें अंधेरे में डूबी हुई हैं। बिजली बोर्ड की यह व्यवस्था कहीं बोर्ड की परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों के भविष्य को अंधेरे में न डाल दे। यह बात उन अभिभावकों की जुबान पर अपने आप आ रही है, जिनके बच्चे बोर्ड की परीक्षा देने वाले हैं। अभिभावकों का कहना है कि बाहर बच्चे इसलिए पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि बाहर बर्फ है तो घर के भीतर इसलिए पढ़ाई करने में सफल नहीं हो रहे हैं क्योंकि घर के भीतर अंधेरा है। ऐसे में संबंधित क्षेत्रों के उपमंडल अधिकारी अपने क्षेत्रों में प्रभावित सेवाओं को दुरूस्त करवाने में रुचि दिखाएं न कि इस स्थिति में वे मूकदर्शक बनकर दूर से तमाशा देखते रहें।


बर्फ पिघला कर पेयजल व्यवस्था करने को मजबूर
जिला के कई क्षेत्रों विशेषकर भरमौर, पांगी, चुराह व सलूणी में पेयजल योजना के प्रभावित होने से वहां के लोगों को बर्फ पिघला कर पेजयल व्यवस्था करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। कई स्थानों पर शून्य से नीचे तापमान के चले जाने से पेयजल लाइनों को नुक्सान पहुंचा है, साथ ही पानी की आपूर्ति कई जगह पर पानी जमने के कारण पेश आ रही है। 

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