यहां आबकारी विभाग को दूसरी बार बंद करना पड़ा शराब का ठेेका, जानिए क्या है वजह

Edited By Punjab Kesari, Updated: 24 Dec, 2017 01:58 AM

here excise department shut down the liquor shop for second time

महिलाओं के दृढ़ निश्चय के साथ-साथ पंचायत के कड़े रुख के आगे आखिरकार आबकारी एवं कराधान विभाग को झुकना पड़ा।

चम्बा: महिलाओं के दृढ़ निश्चय के साथ-साथ पंचायत के कड़े रुख के आगे आखिरकार आबकारी एवं कराधान विभाग को झुकना पड़ा। विभाग ने शुक्रवार रात को अपने तुन्नुहट्टी शराब के ठेके को न सिर्फ बंद कर दिया बल्कि मंगलवार तक इस ठेके को यहां से हटा लेने का आश्वासन दिया है। विभाग के इस रुख को देखते हुए तुन्नुहट्टी पंचायत प्रधान नीलम कौर की अगुवाई में शनिवार सुबह 10 बजे से शराब के ठेके के बाहर धरने पर बैठे पंचायत प्रतिनिधियों, महिला मंडल रौणी की प्रधान सुकन्या देवी, महिला मंडल तुन्नुहट्टी की प्रधान कुसुमलता, पंचायत के उपप्रधान प्रकाश चंद व वार्ड सदस्य रण्जीत सिंह सहित कई ग्रामीणों ने शाम को अपना मोर्चा समाप्त किया।
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महिलाओं ने 7 घंटे तक ठेके के बाहर दिया धरना
तुन्नुहट्टी पंचायत प्रधान नीलम कौर ने बताया कि शुक्रवार की शाम को आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों ने पंचायत प्रतिनिधियों से वार्तालाप ठेके को बंद करवा दिया लेकिन शनिवार सुबह फिर से इस शराब के बंद ठेके के खुलने की सूचना मिली, जिसके चलते पंचायत प्रतिनिधि, महिला मंडलों के प्रतिनिधि व सदस्य सुबह 10 बजे ही उक्त ठेके के पास पहुंच गए और विभाग के अधिकारियों के आने का इंतजार करने लगे। विभाग ने भी सूचित किया कि अधिकारी सुबह करीब 11 बजे मौके पर पहुंच रहे हैं लेकिन ई.टी.ओ. अजय दीवान शाम करीब 6 बजे मौके पर पहुंचे जिस कारण करीब 7 घंटे तक महिलाओं ने पूरा दिन भूखे-प्यासे व ठंड के बीच शराब के ठेके के बाहर मोर्चा संभाले रखा। शाम को जब ई.टी.ओ. दीवान पहुंचे और उनके साथ हुई बातचीत से संतुष्ट होकर इस मोर्चे को विराम दिया। 

इसलिए किया जा रहा था विरोध
तुन्नुहट्टी पंचायत प्रधान के साथ महिला मंडलों, युवक मंडल व ग्रामीणों का कहना है कि तुन्नुहट्टी पंचायत के जिस गांव में विभाग ने शराब का ठेका खोला है, वहां से गांव के लिए सड़क गुजरती है। यही नहीं, इस शराब के ठेके के पास ही गांव भी मौजूद है। इस गांव में सैनिकों के परिवार रहते हैं। इन तमाम परिस्थितियों के चलते इस शराब के ठेके को यहां से स्थानांतरित कर रिहायशी स्थान से दूर खोला जाए, ताकि महिलाओं, बच्चों व युवतियों को यहां से गुजरने में किसी प्रकार की परेशानी न आए तो साथ ही गांव तथा पंचायत का शांत माहौल भी खराब न हो। 

उपमंडल प्रशासन की कार्यशैली भी सवालों में घिरी
पंचायत प्रधान का कहना है कि जब ग्रामीणों ने इस शराब के ठेके के विरोध में अगस्त माह में मोर्चा खोला था तो एस.डी.एम. भटियात ने स्वयं मौके पर आकर इस शराब के ठेके को बंद करवाया था। हैरान करने वाली बात है कि जनता के विरोध को देखते हुए जिस शराब के ठेके को एस.डी.एम. स्वयं बंद करवाते हैं, उसे फिर किस अधिकारी के आदेश पर विभाग ने या फिर शराब के ठेकेदार ने खोला है। प्रधान का कहना है कि निश्चित तौर पर इससे उपमंडल प्रशासन की कार्यशैली भी सवालों में घिर जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे में पंचायत यह मांग करती है कि प्रशासन इस बात की जांच करे कि आखिर एस.डी.एम. के आदेशों को किसने और क्यों नजरअंदाज कर लोगों को फिर से मोर्चा खोलने के लिए मजबूर किया। 

दूसरी बार बंद हुआ तुन्नुहट्टी का ठेका
तुन्नुहट्टी पंचायत में मौजूद शराब के इस ठेके पर आबकारी एवं कराधान विभाग ने दूसरी बार तालाबंदी की है। इससे पहले 4 अगस्त को इस शराब के ठेके के खिलाफ महिलाओं व ग्रामीणों के आंदोलन को देखते हुए एस.डी.एम. भटियात ने स्वयं मौके पर पहुंच कर इस शराब के ठेके को बंद करवाया था। अब आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी ने स्वयं इसे बंद करवा दिया है। पंचायत प्रधान का कहना है कि अब वह विभाग को हरगिज तीसरा मौका नहीं देंगे। 

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