Edited By Updated: 15 May, 2017 01:24 AM
गर्मी के इस सीजन में रोजाना हमीरपुर का कोई न कोई जंगल दहक रहा है मगर अब तक जंगलों को राख के ढेर में तबदील करने वालों के खिलाफ एक भी एफ.आई.आर. दर्ज नहीं हो पाई है।
हमीरपुर: गर्मी के इस सीजन में रोजाना हमीरपुर का कोई न कोई जंगल दहक रहा है मगर अब तक जंगलों को राख के ढेर में तबदील करने वालों के खिलाफ एक भी एफ.आई.आर. दर्ज नहीं हो पाई है। हालांकि जंगलों में लग रही आग में हजारों निरीह जीव-जंतु जल रहे हैं तथा कई प्रजातियों का अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया है, इसके बावजूद सालों से जागरूक करने में जुटे वन विभाग के प्रयासों को लोगों ने हलके से लिया है। इसी का नतीजा है कि लोग अपने स्वार्थों के लिए जंगलों को आग के हवाले तो कर रहे हैं मगर इतने सालों में जागरूक नहीं हो पाए हैं।
13 जगहों पर लग चुकी है आग
बता दें कि वन विभाग की इतनी तैयारियों के बावजूद भी अब तक हमीरपुर वन मंडल क्षेत्र की 13 जगहों पर आग लग चुकी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार ही 28 अप्रैल से 12 मई तक वनों में आग लगने से हमीरपुर जिले में कुल 58,000 रुपए का नुक्सान हो चुका है और कुल 75 हैक्टैयर वन क्षेत्र इसकी वजह से प्रभावित हुआ है। वन विभाग द्वारा वन संपत्ति के नुक्सान का ही आकलन किया गया है परंतु न जाने कितने ही पक्षी और उनके नवजात बच्चे भी मारे जा चुके हैं।
आग की भेंट चढ़ रहा पौधारोपण
गौरतलब है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए बरसात के मौसम में करोड़ों रुपए खर्च कर हर साल जंगलों में पौधे रोपित किए जाते हैं मगर गर्मी का मौसम शुरू होते ही बरसात में की गई मेहनत को आग अपनी लपेटे में ले रही है जिससे पौधरोपण अभियान पर भी सवाल उठ रहे हैं।
इन कारणों से लग रही जंगलों में आग
आग लगने का कारण लोगों द्वारा अपनी घासनियों में आग लगाना है जोकि बढ़ते तापमान में जंगलों को भी अपनी चपेट में ले रही है। यही नहीं, जंगलों से गुजरते समय धूम्रपान करने के लिए माचिस की तिल्ली जलाना या सुलगती बीड़ी-सिगरेट को जंगलों में फैंक देना भी आग की घटनाओं को बढ़ा रहा है। इतना ही नहीं, लोगों द्वारा कूड़े-कचरे को जंगलों में जलाना भी आग लगने का कारण बन रहा है।
पंचायत कोरमों में लोगों को किया जा रहा जागरूक
जानकारी के अनुसार जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग द्वारा इन दिनों अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती की जाती है, वहीं हर साल पंचायत कोरमों में भी वन विभाग के कर्मचारी लोगों को आग न लगाने के प्रति जागरूक करते हैं। इतना सब करने के बावजूद भी आग की घटनाओं में कमी नहीं हो रही है।