Edited By Updated: 10 May, 2017 03:47 PM
हिमाचल सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर डंके की चोट पर ठोके जाने वाले दावों की पोल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलासपुर के बरठीं में खुल रही है।
बरठीं: हिमाचल सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर डंके की चोट पर ठोके जाने वाले दावों की पोल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलासपुर के बरठीं में खुल रही है। सरकार के मंत्री व विधायक यह कहते नहीं थकते कि स्वास्थ्य सुविधा में प्रदेश ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़े-बड़े आयाम हासिल किए हैं लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही ब्यां हो रही है। विधानसभा चुनाव क्षेत्र झंडूता की पिछड़ी पंचायतों कलोल, भड़ोलीकलां, जेजवीं, मलांगण, घंडीर, डुडियां, मलरांव, जड्डू-कुलज्यार, घराण, झबोला व बल्हसीणा पंचायतों के लोगों कृष्ण दयाल, अवतार सिंह, मदन लाल, लेख राम, सुनील, पवन कुमार, चुनीलाल, ओम प्रकाश, करतार सिंह, लेख राम, राम प्रकाश, जगदीश, ज्ञान चंद, राम पाल, कर्म सिंह, अश्विनी कुमार, प्रेम लाल, शकुंतला देवी, कमलेश, आशारानी, कमला देवी, फूला देवी व मोनिका शर्मा सहित अन्य लोगों का कहना है कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में लोगों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधा पूरी तरह चरमरा गई हैं।
कितनी बैठकें हुईं पर सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवा पाए
लोगों का कहना है कि वर्ष में 3 बार अस्पताल में आर.के.एस. के तहत होने वाली बैठकें सी.एम.ओ. से लेकर बी.एम.ओ., एस.डी.एम. व अन्य कई गण्यमान्य जिम्मेदार नागरिक इन बैठकों में भाग लेते हैं लेकिन 2 दशक से यह बैठकें भी बरठीं अस्पताल में लोगों को सुविधाएं मुहैया करवाने में कामयाब नहीं हो पाईं। 2 दशक बाद भी डॉक्टर का आवास जीर्णोद्धार के लिए तरस रहा है।