Edited By Punjab Kesari, Updated: 23 Jan, 2018 09:18 PM
मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने क्षेत्रीय अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कुछ मामलों को लेकर अधिकारियों की क्लास भी ली।
सोलन: मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने क्षेत्रीय अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कुछ मामलों को लेकर अधिकारियों की क्लास भी ली। कुछ मामलों में अधिकारियों से जानकारी लेकर व्यवस्थाओं में सुधार लाने के लिए कहा। बाद में उन्होंने कंडाघाट में भी अस्पताल का दौरा किया। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि सोलन अस्पताल में मरीजों का दबाव ज्यादा है। इसलिए यह अस्पताल चर्चाओं में रहता है। सोलन में किसी अन्य दूसरे स्थान पर नए अस्पताल के भवन का निर्माण किया जा सकता है। इसकी संभावनाएं तलाशी जाएंगी। सोलन में ट्रॉमा सैंटर भी खुलेगा। उन्होंने अधिकारियों से अस्पताल में स्टाफ की कमी को लेकर जानकारी मांगी है। इसके आधार पर जल्द ही रिक्त पदों को भरा जाएगा।
सोलन में होगी फोरैंसिक सुविधा
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सोलन अस्पताल से पोस्टमार्टम के मामले अब शिमला नहीं भेजें जाएंगे। फोरैंसिक जांच के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए शिमला भेजा जाता है लेकिन अब यहीं पर फोरैंसिक सुविधा उपलब्ध होगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वह स्वयं प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों तथा अस्पतालों में लोगों तथा रोगियों से मिलकर वास्तविकता जान रहे हैं। सरकार सोलन सहित सभी जिलों के अस्पतालों में शीघ्र चिकित्सकों एवं पैरा मैडीकल कर्मियों के पद भरेगी। प्रदेश सरकार 100 चिकित्सकों की नियुक्ति कर रही है।
लेवल 3 का ट्रॉमा केंद्र्र स्थापित होगा
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सोलन में लेवल 3 का ट्रॉमा केंद्र स्थापित करने पर विचार किया जाएगा। यह भी सुनिश्चित बनाया जाएगा कि सोलन स्थित क्षेत्रीय अस्पताल के साथ-साथ अन्य अस्पतालों में आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हों। सरकार शीघ्र ही राज्य में लगभग 200 जनौषधि केंद्र भी स्थापित करेगी व स्थापित जनौषधिी केंद्रों को सुदृढ़ किया जाएगा।
महर्षि मार्कंडेश्वर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए प्राधिकृत
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में आवश्यकतानुसार रेडियोग्राफर की कमी को दूर किया जाएगा। सोलन स्थित महर्षि मार्कंडेश्वर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल को शव परीक्षा (पोस्टमार्टम) के लिए प्राधिकृत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को निर्देश दिए गए हैं कि गरीब एवं कमजोर वर्ग से संबंधित रोगियों को आवश्यक दवाएं अस्पताल से ही उपलब्ध करवाई जाएं।
गलत बना है कंडाघाट अस्पताल भवन
कंडाघाट में बन रहे नए अस्पताल भवन को लेकर मंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बात भी की। बाद में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अस्पताल का नया भवन गलत बना है। इस भवन का अब क्या करना है, इसको लेकर अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद देखा जाएगा। नए अस्पताल का भवन क्या सोचकर पिछली सरकार ने बनाया यह साफ नहीं हो रहा है।
कंडाघाट में लगी चिकित्सकों की क्लास
स्वास्थ्य मंत्री ने कंडाघाट अस्पताल में सफाई व्यवस्था पर डाक्टरों की मौके पर ही क्लास लगा दी। मंत्री ने अस्पताल के सबसे ऊपरी मंजिल में खुले आयुर्वैदिक कार्यालय का भी दौर किया लेकिन वहां पर आयुर्वैदिक चिकित्सक अधिकारी उन्हें नहीं मिले।