कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती मामले पर HC का बड़ा फैसला, जानने के लिए पढ़ें खबर

Edited By Punjab Kesari, Updated: 22 Sep, 2017 09:44 PM

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प्रदेश हाईकोर्ट से कम्प्यूटर शिक्षकों की भर्ती मामले में सरकार को कोई राहत नहीं मिली।

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट से कम्प्यूटर शिक्षकों की भर्ती मामले में सरकार को कोई राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल द्वारा कम्प्यूटर शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगाने के आदेशों पर रोक लगाने से इंकार करते हुए ट्रिब्यूनल से आग्रह किया कि वह यह मामला 10 अक्तूबर को अंतिम रूप से निपटा दे। इस मामले में सरकार ने ट्रिब्यूनल के अंतरिम आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई। 

लोक सेवा आयोग के माध्यम से होनी चाहिए भर्ती
कम्प्यूटर शिक्षकों की मौजूदा भर्ती के पक्षकारों की दलील थी कि ट्रिब्यूनल ने बिना किसी ठोस कारण बताए इन भर्तियों पर रोक लगा दी है। उनका कहना है कि भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को चुनौती दिए बगैर इन भॢतयों को स्थगित करना गैर-कानूनी है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान भर्ती प्रक्रिया पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसी भर्तियां खासतौर पर लोक सेवा आयोग जैसे योग्य भर्ती संस्थानों के माध्यम से होनी चाहिए। कोर्ट ने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि यह समझ से परे है कि 1,200 के करीब कम्प्यूटर टीचरों की भर्तियां केवल साक्षात्कार से हो रही हैं और वह भी निदेशक की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा। कोर्ट ने मौखिक तौर पर सरकार को इस भर्ती के तरीके पर पुन: विचार करने को भी कहा। 

साक्षात्कारों के परिणाम पर भी लगी है रोक
बता दें कि ट्रिब्यूनल ने विभाग द्वारा लिए जा रहे साक्षात्कारों पर रोक लगाते हुए अभी तक इन पदों के लिए करवाए गए साक्षात्कारों के परिणाम पर भी रोक लगा रखी है। सरकार ने अपनी दलीलों में बताया कि भर्ती नियमों के अनुसार की जा रही है और इसके लिए कैबिनेट ने भी अपनी मंजूरी दे रखी है। हाईकोर्ट ने भी कम्प्यूटर टीचरों की भर्ती के लिए नीति निर्धारण की संभावनाएं तलाशने के आदेश दिए थे। ट्रिब्यूनल के चेयरमैन वी.के. शर्मा व प्रशासनिक सदस्य प्रेम कुमार की खंडपीठ ने इन भर्तियों पर रोक लगाते हुए सरकार से 3 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया था। 

तर्कसंगत नहीं है भर्ती प्रक्रिया पर रोक
मामले के अनुसार प्रार्थी रविंद्र कुमार ने प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल से कम्प्यूटर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने की गुहार लगाई है। प्रार्थी के अनुसार कम्प्यूटर शिक्षकों की भर्ती के लिए 5 वर्ष का बतौर शिक्षक अनुभव होना अनिवार्य बनाया गया है जोकि तर्कसंगत नहीं है। इससे कम्प्यूटर शिक्षा में उत्कृष्ट योग्यता वाले अभ्यर्थी समान अवसर न मिलने से प्रभावित हो रहे हैं, जिन्हें किसी भी स्कूल में पढ़ाने का कोई अवसर नहीं मिला। मामले पर ट्रिब्यूनल में सुनवाई 10 अक्तूबर को होगी।

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