Edited By Updated: 21 Feb, 2017 11:51 PM
सराज घाटी के देव मतलोड़ा को शिवरात्रि महोत्सव में ले जाने को लेकर हारियानों के 2 गुटों में विवाद पैदा हो गया है।
बालीचौकी: सराज घाटी के देव मतलोड़ा को शिवरात्रि महोत्सव में ले जाने को लेकर हारियानों के 2 गुटों में विवाद पैदा हो गया है। विवाद इतना बढ़ गया कि मामला प्रशासन के द्वार पहुंच गया। मंगलवार को विवाद उस समय पैदा हुआ जब बागी-भनवास एक ही हारियान के 2 गुट देवता को लेने शलवाड़ कोठी के लिए ढोल व नगाड़ों के साथ निकले लेकिन रास्ते में एक-दूसरे को देखकर आपस में उलझ गए। मामले को गंभीरता से देखते हुए क्षेत्र के प्रबुद्ध व्यक्तियों ने एस.डी.एम. गोहर को सूचित कर दिया।
तहसीलदार ने खंगाले देवता के पुराने दस्तावेज
एस.डी.एम. ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मौके पर तहसीलदार व थाना प्रभारी को टीम के साथ जाने के आदेश भी दिए। मौके पर पहुंचे तहसीलदार अनिल कुमार ने दोनों गुटों को शांत करवा कर देवता के पुराने दस्तावेजों को खंगाला। तहसीलदार ने दोनों गुटों से बातचीत की लेकिन किसी भी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाए। देर शाम तक दोनों गुटों के बीच कोई सहमति न होने के कारण बुधवार को 7 हारियान की आपात बैठक बुलाई गई है।
इसलिए हुआ विवाद
देवता की 7 हारियान में से इस बार देवता को मेले में ले जाने की बारी बागी-भनवास (जिली मंझी) हार की है लेकिन वहां 2 गुट हैं। एक गुट ने अपना नया देवता बनाया हुआ है जो इसी देवता के नाम से जाना जाता है। पुरानी रंजिश के चलते ये दोनों गुट आपस में हमेशा लड़ते-झगड़ते रहते हैं। बताया जा रहा है कि जिस गुट ने नया देवता बनाया है वह देवालय से देवता बाहर निकालने के लिए दूसरे गुट पर दबाव बनाने लगा और दूसरे गुट का कहना है कि इस हारियान के नए गुट ने बड़ा देवता की बनी चोहट-कोठी के लिए चंदा नहीं दिया था। चंदा न देने की सूरत में बागी-भनवास के इस गुट का देवनीति के तौर पर बहिष्कार कर दिया था।