Edited By Punjab Kesari, Updated: 28 Dec, 2017 08:15 PM
हिमाचल प्रदेश में नई सरकार के गठन में हमीरपुर को काई भी पद नहीं मिलने पर जनता में रोष है। लोगों का मानना है कि भाजपा को सुदृढ़ करने में कार्यकताओं ने काफी योगदान दिया और हमीरपुर को भी नई सरकार में जगह मिलनी चाहिए थी।
हमीरपुर (अरविंदर): हिमाचल प्रदेश में नई सरकार के गठन में हमीरपुर को काई भी पद नहीं मिलने पर जनता में रोष है। लोगों का मानना है कि भाजपा को सुदृढ़ करने में कार्यकताओं ने काफी योगदान दिया और हमीरपुर को भी नई सरकार में जगह मिलनी चाहिए थी। लोगों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि नई सरकार में हमीरपुर को कोई पद देना चाहिए था चाहे सीपीएस ही दे देते। सरकार में मंत्री पद न मिलने से जिला के लोगों में मायूसी है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भाजपा और कांग्रेस दोनों सरकारों में जिला से कोई न कोई मंत्री रहा है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में शुरू से सक्रिय राजनीति में रहने वाला जिला हमीरपुर इस बार अनदेखी का शिकार हो गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार में जिले से एक भी मंत्री नहीं बना है। इससे पूर्व वीरभूमि के नाम से पहचाने जाने वाले हमीरपुर ने मुख्यमंत्री से लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों सरकारों में कैबिनेट मंत्री दिए हैं। वहीं भाजपा सरकार में दूसरे मुख्यमंत्री बनने का गौरव भी हमीरपुर जिला को प्राप्त है। प्रेम कुमार धूमल हमीरपुर की बमसन सीट से तीन बार और चौथी बार हमीरपुर से चुनाव जीते हैं। धूमल 1998 से 2003 और 2007 से 2012 तक प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं। धूमल के मुख्यमंत्री कार्यकाल में जिले से दो मर्तबा मंत्री और एक बार मुख्य संसदीय सचिव भी रहे। इस बार भोरंज से कमलेश कुमारी और हमीरपुर से नरेंद्र ठाकुर के भारी मतों के अंतर से चुनाव जीतने के बावजूद मंत्रिमंडल में तरजीह नहीं दी गई।