नगर निगम चुनाव से पहले मतदाता सूची से आधे वोटरों के नाम गायब, मचा हड़कंप

Edited By Updated: 15 Apr, 2017 12:40 AM

half voters name disappeared from the voter list before mc election

शिमला नगर निगम चुनावों से पहले शहर के आधे मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से गायब हैं।

शिमला: शिमला नगर निगम चुनावों से पहले शहर के आधे मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से गायब हैं। चुनाव आयोग के कारनामे के चलते करीब सवा 2 लाख की आबादी में 34 वार्डों में केवल 63 हजार मतदाताओं के नाम ही शेष रह गए हैं, वहीं चुनावों से ठीक पहले चल रही तैयारियों के बीच करीब 50 फीसदी मतदाताओं के नाम ही मतदाता सूची में होने से शहर में हड़कंप मच गया है। शुक्रवार को ये आरोप निगम महापौर संजय चौहान व उपमहापौर टिकेंद्र पंवर ने पत्रकार वार्ता में जड़े। उन्होंने कहा कि शहर में 20 से ज्यादा वार्ड ऐसे हैं जिनमें शून्य से लेकर 5 मतदाताओं के ही नाम दर्ज हंै जबकि शहर में ज्यादातर मतदाताओं के नाम गायब होने के साथ-साथ उनके निवास स्थान और वार्ड की जगह किसी दूसरे वार्ड में दर्शायी गई है। उन्होंने कहा कि निगम चुनाव को लेकर बनाई गई मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी हुई है।

शिमला में लोकतंत्र की हत्या 
महापौर ने कहा कि जहां देश एक ओर संविधान निर्माता डा. भीम राम अम्बेदकर की जयंती मना रहा है, वहीं दूसरी ओर शिमला में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। उनका कहना था कि इस बार वोटर लिस्ट में 63 हजार मतदाताओं के नाम हैं जबकि निगम एरिया में मतदाता 1 लाख से अधिक हैं। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब निगम का चुनाव हुआ था तो उस समय 80 हजार मतदाता थे जिनमें बहुत लोगों के नाम छूट गए थे लेकिन इस बार मतदाता सूची में मतदाताओं के नाम बहुत कम हैं। यही नहीं मज्र्ड इलाके में तो मतदाताओं के नाम सूची से गायब हैं ही लेकिन जो पहले से ही निगम में थे, उन मतदाताओं को भी अपना नाम सूची में नहीं मिल रहा है। यहां तक की विश्वविद्यालय व होस्टल में रहने वाले छात्रों के नाम भी मतदाता सूची में नहीं हैं। 

5 पार्षदों तक के नाम सूची से गायब  
पत्रकार वार्ता के दौरान निगम उप महापौर ने कहा कि चुनाव से पहले चुनाव आयोग की तैयारियों के बीच मतदाताओं के नाम सूचियों में जोडऩे और हटाने की कार्रवाई के बीच 5 निगम पार्षदों तक के नाम मतदाता सूचियों से गायब पाए गए हैं, ऐसे में शहर में हड़कंप मचना जायज है। 

सूची को सही नहीं किया तो होगा आंदोलन 
प्रैस वार्ता के दौरान निगम महापौर ने सरकार से मांग उठाई है कि मतदाता सूची को फाइनल करने की तिथि आगे बढ़ाई जाए, साथ ही बी.एल.ओ. को घर-घर जाकर मतदाता सूची को सही करने के आदेश दिए जाएं। चौहान ने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है व इसी सूची को अंतिम रूप देती है तो माकपा लोगों के बीच जाकर आंदोलन करेगी और न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। 

बैलेट पेपर पर हों चुनाव 
महापौर ने कहा की देश में ई.वी.एम. वोटिंग मशीन का विरोध किया जाना सही है क्योंकि अब इसमें भी गड़बड़ी होने लगी है, ऐसे में चौहान ने कहा कि यहां निगम चुनाव बैलेट पेपर पर होने चाहिएं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग यदि निष्पक्ष चुनाव करवाना चाहता है तो निगम के चुनाव बैलेट पेपर पर करवाए जाने चाहिएं। 

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