Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Mar, 2018 09:33 AM
निजी स्कूल संचालक अपने लिए सुविधाएं मांग रहे हैं। अभिभावकों को निचोडऩे की खुली छूट के बीच सुविधाओं की मांग किसी के गले नहीं उतर रही है। दरअसल कुछ दिन पहले निजी स्कूल संचालक व प्रबंधन में शामिल लोगों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला। इस दौरान हर...
कुल्लू : निजी स्कूल संचालक अपने लिए सुविधाएं मांग रहे हैं। अभिभावकों को निचोडऩे की खुली छूट के बीच सुविधाओं की मांग किसी के गले नहीं उतर रही है।दरअसल कुछ दिन पहले निजी स्कूल संचालक व प्रबंधन में शामिल लोगों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला। इस दौरान हर साल स्कूलों के पंजीकरण के नवीनीकरण की प्रक्रिया में छूट की मांग करते हुए निजी स्कूल संचालकों ने कहा कि एक बार पंजीकरण के बाद बार-बार नवीनीकरण का झंझट खत्म होना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि इस प्रक्रिया में समय की बर्बादी हो रही है और पंजीकरण के बाद इसकी जरूरत भी नहीं है। लोगों व अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूल ऐसी मांग करते हुए ऐसे लग रहे थे जैसे कोई लुटेरा लूट-खसूट की परमिशन ले रहा हो।
अभिभावकों को निचोड़ रहे
निजी स्कूलों को तो साल में बार-बार अपने पंजीकरण और नवीनीकरण से संबंधित दस्तावेजों की जांच करवानी चाहिए। निजी संस्थानों का क्या भरोसा कि आज जहां वे स्कूल चला रहे हैं और सत्र के बीच वहां होटल या होस्टल चला दें। ऐसे में निजी संस्थानों के दस्तावेजों, भवनों और व्यवस्थाओं की समय-समय पर जांच होनी चाहिए। पहले ही निजी स्कूलों को मनमानी फीस वसूली की छूट दी हुई है। कई तरह के फंडों के नाम पर निजी स्कूल अभिभावकों को निचोड़ रहे हैं। अब निजी स्कूल सरकार से और सुविधाएं मांग रहे हैं, जोकि गलत है। अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूलों में फी स्ट्रक्चर सहित अन्य व्यवस्थाओं को जांचने की व्यवस्था ही नहीं है। कई तरह के दबावों के बीच अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं। निरीक्षण के लिए गठित अलग विंग भी सरकारी स्कूलों में खामियों को तलाशने में मशगूल है और ऐसे में निजी स्कूलों को लूट-खसूट की खुली छूट मिली हुई है।
हर वर्ष फीस में कर रहे 20 प्रतिशत तक की बढ़ौतरी
अभिभावकों ने कहा कि निजी स्कूल मनमानी करते हुए हर साल प्रवेश शुल्क सहित अन्य शुल्कों में 20 प्रतिशत तक बढ़ौतरी कर रहे हैं, जोकि सरासर गलत है। निजी स्कूलों की इस मनमानी पर शिकंजा कसा जाना चाहिए।