सरकारी स्कूल का कारनामा, बिजली-पानी के बिल को मांगे बच्चों से पैसे

Edited By Updated: 30 Apr, 2017 01:30 PM

govt school asks money from students to pay electricity bills

सुंदरनगर (नितेश सैनी): कहने को तो सरकारी स्कूलों में शिक्षा निशुल्क है लेकिन कुछ सरकारी स्कूल ऐसे भी हैं

सुंदरनगर (नितेश सैनी): कहने को तो सरकारी स्कूलों में शिक्षा निशुल्क है लेकिन कुछ सरकारी स्कूल ऐसे भी हैं जो बिजली, पानी और सिवरेज के बिलों का भुगतान बच्चों से उगाही करके करते हैं। एक ऐसा ही स्कूल सामने आया है सुंदरनगर में। यहां के पुराना बाजार स्थित सरकारी स्कूल में बच्चों से बिजली, पानी और सिवरेज के बिलों का भुगतान करने के लिए पैसे वसूले गए हैं। इस स्कूल में 35 बच्चे पढ़ते हैं और स्कूल प्रबंधन ने सभी बच्चों से 150 रूपए लाकर स्कूल में जमा करवाने का फरमान जारी किया, ताकि स्कूल का बिजली, पानी और सिवरेज का बिल अदा किया जा सके।
 

साल में एक बार जमा कराएं 150 रुपए
मुख्याध्यापिका नतेश जम्वाल ने माना कि बिलों भरने को बच्चों से पैसे मांगे गए हैं। उन्होंने कहा कि बिजली के बिल साल में एक बार कॉम्पलेक्स स्कूल में जमा करवाए जाते हैं जिसका भुगतान कभी समय पर नहीं होता। पानी तथा सिवरेज के लिए विभाग के पास फंड का कोई प्रावधान ही नहीं। यही कारण है कि स्कूली बच्चों से वर्ष में एक बार 150 रूपए जमा करवाने को कहा गया है। स्कूल प्रबंधन का मानना है कि इस राशि में अध्यापक भी इतना ही योगदान दे रहे हैं और गरीब बच्चों को छूट दी जा रही है।
 

स्कूल की मरम्मत भी खर्च होगा पैसा
मुख्याध्यापिका नतेश जम्वाल का कहना है कि स्कूल ग्रांट और मेंटेंनेंस के लिए आने वाला पैसा भी पर्याप्त नहीं होता इसलिए बच्चों से मंगवाए गए पैसों का इस्तेमाल स्कूल की मरम्मत में भी किया जाएगा। यानी स्कूल की कुर्सी टूट जाए या फिर पंखा खराब हो जाए तो फिर बच्चों से लिए गए पैसों से ही उसकी मुरम्मत करवाई जाएगी। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि बच्चों से जो पैसा लिया गया है उसमें बच्चों को एक आई कार्ड और एक नेम प्लेट देने का निर्णय भी लिया है।

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