Edited By Updated: 18 Jan, 2017 01:34 AM
राज्य सरकार ने वन एवं सरकारी भूमि पर हुए कब्जों की रिपोर्ट सभी जिला के डी.सी. से तलब की है।
शिमला: राज्य सरकार ने वन एवं सरकारी भूमि पर हुए कब्जों की रिपोर्ट सभी जिला के डी.सी. से तलब की है। राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने इस रिपोर्ट को 28 जनवरी को होने वाली हाई पावर कमेटी की बैठक से पहले देने को कहा है ताकि इस पर चर्चा हो सके। इससे पहले भी सभी डी.सी. से ऐसी रिपोर्ट मांगी जा चुकी है लेकिन अधिकांश जिलों से इसकी जानकारी नहीं मिली। बता दें कि सरकार वन भूमि पर सामने आए अतिक्रमण के मामलों को देखते हुए 10 बीघा से कम भूमि वालों को राहत देने के विकल्प तलाश रही है ताकि छोटे एवं सीमांत किसान-बागवानों को राहत प्रदान की जा सके।
हाईकोर्ट की सख्ती के बाद हरकत में आई सरकार
सरकार इस मामले पर बड़े अवैध कब्जाधारियों के प्रति सख्त है। सिर्फ छोटे एवं सीमांत किसान-बागवानों को ही राहत देने की पक्षधर है। राज्य में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है, जिसके बाद सरकार को हरकत में आना पड़ा। जब सरकार को यह पता चला कि वन एवं सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों की संख्या अधिक है तो वह उनको राहत देने के लिए विकल्प तलाश रही है। इसके लिए हाईकोर्ट के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर करने संबंधी विकल्प पर भी चर्चा हो रही है। इसे देखते हुए हाई पावर कमेटी बैठक में सरकार के महाधिवक्ता को भी बुलाया गया है।
अध्यादेश लाने पर भी विचार
राज्य सरकार छोटे एवं सीमांत किसान-बागवानों को राहत प्रदान करने के लिए अध्यादेश लाने पर भी विचार कर रही है। इस अध्यादेश को लाने के लिए भी कानूनी विकल्पों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसी तरह अन्य भू-अधिनियम को भी खंगाल रही है। इसमें केंद्र स्तर पर आने वाले मामले को वहां पर उठाया जाएगा।
सरकार तलाश रही विकल्प : कौल सिंह
राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर का कहना है कि सरकारी भूमि पर छोटे अवैध कब्जाधारकों को राहत देने के विकल्प तलाशे जा रहे हैं। इसके लिए नियमों को भी बनाया जाएगा, साथ ही सभी डी.सी. को 28 जनवरी को होने वाली हाई पावर कमेटी बैठक से पहले अवैध कब्जाधारकों की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।