करसोग में दलित परिवार को आवास नहीं दिला पाया सरकारी तंत्र

Edited By Punjab Kesari, Updated: 11 Feb, 2018 07:53 PM

government machinery not found in dynastic families in karsog

सरकार की जन कल्याणकारी योजनाएं सुनने में अच्छी लगती है लेकिन इन योजनाओं को जमीन पर उतारने की जिम्मेवारी लेने वाला सरकारी तंत्र जनता की कसौटी पर खरा नहीं उतर पा रहा है। सरकारी तंत्र की कारगुजारी का दंश करसोग का एक दलित परिवार काफी वर्षो से झेल रहा...

करसोग(यशपाल): सरकार की जन कल्याणकारी योजनाएं सुनने में अच्छी लगती है लेकिन इन योजनाओं को जमीन पर उतारने की जिम्मेवारी लेने वाला सरकारी तंत्र जनता की कसौटी पर खरा नहीं उतर पा रहा है। सरकारी तंत्र की कारगुजारी का दंश करसोग का एक दलित परिवार काफी वर्षो से झेल रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर दलित परिवार को आवास देने की मुहिम कागजों में ही उलझ कर रह गई है। जिसके चलते एक दलित परिवार मूलभूत सुविधाओं के अभाव में उस झोंपड़ी में रहा है जो कभी भी ढह सकती है। बात हो रही है विकास खण्ड करसोग की पंचायत खड़कन के छोटे से गांव द्रष्टी की। इस गांव में एक दलित परिवार से सर्वे के दौरान कुछ सरकारी लोग मिलने आए तथा वहां से उनका डाटा लेकर चलते बने। कुछ समय के बाद इस दलित परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले मकान को मुहैया करवाने की मुहिम शुरू की गई।
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परिवार ने मकान बनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी
पंचायत प्रतिनिधियों ने इस परिवार को मकान दिलवाने के लिए सारी औपचारिकताएं पूरी करते हुए इन्हे भरोसा दिलाया कि जल्द ही वह अब झौंपड़े में नहीं बल्कि अपने पक्के मकान में रहेंगे। पंचायत प्रधान ने जब उन्हे यह बताया कि आपके मकान की स्वीकृति आ गई है तो परिवार ने मकान बनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी। बाकायदा मकान बनाने के लिए नींव खोदी गई तथा मकान के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री़ बड़ी मुश्किल से लोगों से पैसे उधार लेकर इक्कठा की। लेकिन सरकारी तंत्र की गलती उन पर ऐसी भारी पड़ी कि आज तक मकान तो नहीं मिला बल्कि लोगों से लिया गया उधार उनके लिए आफत बन गया। बिना बिजली व पानी के झौंपड़ी में रह रहा दंपति अपनी 4 बेटियों के साथ गुजर बसर कर रहा है। सर्वे के दौरान हुई एक छोटी सी गलती की वजह से इस दलित परिवार को सिर छुपाने के लिए मिलने वाली छत छिन गई।

मकान बनाने के लिए धनराशि सरकार उपलब्ध करवाएगी
प्रधानमंत्री आवास योजना के चयन के लिए की गई औपचारिकता के दौरान हुए सर्वे में उनकी जाति को दलित न दर्शाते हुए कागजों में अदरस कर श्रेणी में डाला गया तथा उनको मिलने वाले मकान की स्वीकृति रद्द हो गई। मकान बनाने के लोगों से लिया 80 हजार का उधार पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से इस दलित परिवार को मालूम हुआ कि उन्हे प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए चुना गया है तथा उन्हे अब अपना पक्का मकान मिलेगा। इसकी जानकारी मिलते ही परिवार की खुशियां बढ गई। पंचायत प्रधान ने उन्हे बताया कि वह भवन निर्माण में प्रयोग होने वाली सामग्री व जमीन का प्रबंध कर लें। उन्हे यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन्हे मकान बनाने के लिए धनराशि सरकार उपलब्ध करवाएगी। परिवार के 35 वर्षीय मुखिया मंगत राम व उसकी पत्नी बिमला देवी ने अपने रिश्तेदारों व मित्रों से रूपए उधार लेकर भवन निर्माण में इस्तेमाल होने वाली सामग्री इक्कठा करना शुरू की तथा अपने ही एक बुजुर्ग से मकान बनाने के लिए जमीन भी ले ली। 

प्राथमिकता के आधार पर किए जाएंगे प्रयास
सहायक आयुक्त विकास एवं खंड विकास अधिकारी डा. राखी सिंह ने बताया कि यह परिवार पंचायत प्रधान के साथ आकर उनसे मिला है। उनकी समस्या को सुना गया है तथा उन्हें प्रधनमंत्री आवास योजना के नियमों के बारे जानकारी दी गई है। कानून के दायरे में रहकर इस परिवार को आवास दिलाने के लिए प्राथमिकता के आधार पर प्रयास किए जाएंगे।

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